जयपुर। जमीन के एक मामले में 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोपी दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका को राज्य सरकार ने APO (प्रतीक्षा सूची) कर दिया है। शनिवार को उन्हें दूदू कलेक्टर के पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए गए।

ACB ने मारा छापा

शुक्रवार 26 अप्रैल की रात 12 बजे एसीबी की टीम ने कलेक्टर हनुमान मल ढाका के दफ्तर और निवास पर दबिश दी थी। रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत के बाद एसीबी ने यह कार्रवाई की। एसीबी के अधिकारियों के मुताबिक हनुमान मल ढाका के खिलाफ रिश्वत मांगने के पुख्ता सबूत हैं। सबूतों के बाद ही छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। कलेक्टर ने पटवारी के माध्यम से परिवादी से 25 लाख रुपए मांगे थे। एसीबी ने कलेक्टर और पटवारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। बता दें कि वर्ष 2014 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हनुमान मल ढाका प्रमोटी IAS हैं। वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस बने हैं।

पूछताछ के बाद गिर सकती है गाज

पुख्ता सबूतों के आधार पर एसीबी की टीम ने डीआईजी डॉ. रवि के निर्देशन में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस ने उनके बैंक खातों और प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेज खंगाले हैं। साथ ही पिछले दो महीने में दूदू में जो भी फाइलें भू उपयोग परिवर्तन से जुड़ी हुई थी। उन्हें जब्त किया गया है। एसीबी के अधिकारी अब आईएएस हनुमान मल ढाका से पूछताछ करेंगे। जो सबूत एसीबी के पास है। उसके बारे में बात करने के साथ भू उपयोग परिवर्तन से जुड़े मामलों के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। पूछताछ के बाद उन पर गाज भी गिर सकती है।

आपत्तियों के बावजूद Land Use Change किया

शुक्रवार रात की छापेमारी के बाद शनिवार को एसीबी के अधिकारियों ने दूदू जिला कलेक्टर कार्यालय और तहसील कार्यालय की कई फाइलों को खंगाला। जांच के दौरान कई ऐसे मामले भी सामने आये हैं जिनमें आपत्तियां होने के बावजूद भू उपयोग परिवर्तन की अनुमति दे दी गई थी। इस मामले में अब आईएएस हनुमान मल ढाका को जवाब देना भारी पड़ सकता है। साथ ही पेंडिंग फाइलों के बारे में भी पूछताछ किया जाना तय है क्योंकि प्रदेश के मुख्य सचिव ये आदेश जारी कर चुके हैं कि कोई भी फाइल पेंडिंग नहीं रहनी चाहिए। अगर कोई दिक्कत है तो उसे फाइल पर नोट डालना है।

एडवांस में मांगे साढ़े सात लाख रूपये

दरअसल एक फर्म के संचालक ने पिछले दिनों एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। परिवादी का आरोप है कि दूदू कलेक्टर ने उनसे 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी लेकिन उनके पास रिश्वत की इतनी बड़ी रकम नहीं है। तकाजा करने पर वे 15 लाख रुपए लेने पर अड़ गए। परिवादी 15 लाख का इंतजाम नहीं कर पाया। कलेक्टर ने आधी रकम एडवांस में याने कि साढ़े सात लाख रुपए डाक बंगले में आने को कहा। यह बातचीत एसीबी ने प्रार्थी को टेप देकर रिकार्ड करवाई। प्रार्थी के पास देने के लिए साढ़े सात लाख रुपए की रकम नहीं थी इसलिए ट्रेप की कार्यवाही नही हो सकी। पर रिकार्डेड बातचीत के आधार पर न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की अदालत से सर्च वारंट ले एडिशनल एसपी सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार देर रात एक बजे रेड की कार्यवाही की गई।

रेड के दौरान कलेक्टर व पटवारी का फोन भी एसीबी ने जब्त कर लिया। शुक्रवार की रात से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ढाका और पटवारी के ठिकानों के साथ ही उनके बैंक खातों को खंगाल रही है। उनकी संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही जमीन के डायवर्सन से संबंधित पिछले तीन माह में जितने भी प्रकरण कलेक्टर द्वारा निपटाए गए हैं उन सभी की संबंधित फाइलों को व पेंडिंग फाइलों को भी एसीबी ने जब्त कर लिया है। सभी फाइलों को एसीबी मुख्यालय लाया गया है। फाइलों के प्रारंभिक अवलोकन में कई गड़बड़ियां सामने आई है।

जानिए आईएएस ढाका के बारे में

हनुमान मल ढाका 2014 बैच के प्रमोटी आईएएस है। वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसर थे। उन्हें आईएएस अवार्ड होने पर आईएएस का 2014 बैच अलॉट हुआ। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके संयुक्त सचिव ढाका रह चुके हैं। उसके बाद में राजफेड के एमडी रहे। वे जल संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। राजस्थान में नए जिलों के गठन के बाद ढाका पहले नवगठित खैरथल–तिजारा के पहले कलेक्टर थे। इस साल फरवरी में भजनलाल सरकार ने उन्हें दूदू जिले का कलेक्टर बनाया था। पूर्व में भी दो बार उन्हें अलग-अलग कारणों से प्रतीक्षा सूची में रखा गया था।

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