महासमुंद। भारत की सरकारी डाक सेवा को लोग काफी विश्वसनीय मानते हैं, लेकिन अगर लोगों द्वारा भेजी गई डाक सामग्रियां लावारिस हालत में पड़ी हुई मिलेंगी तो इसका डाक विभाग की छवि पर क्या असर पड़ेगा? ऐसा ही वाकया महासमुंद जिले में हुआ जहां दो बोरियों में भरी डाक सामग्रियां कोडार बांध में एक किनारे पर पानी में डूबी हुई मिलीं। इनमें बहुत से आधार कार्ड, अनेक प्रकार के सरकारी दस्तावेज, चेकबुक तथा पत्र-पत्रिकाएं शामिल हैं। लावारिस हालत में डाक सामग्रियां मिलने के बाद डाक विभाग में सनसनी व्याप्त है। इस सूचना पर डाक विभाग महासमुंद के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सामग्रियों को जब्त किया।

मिली जानकारी के मुताबिक छग संयुक्त किसान मोर्चा के जिला संगठन प्रभारी अशोक कश्यप अपने मित्रों के साथ शनिवार को कोडार बांध गए हुए थे। बांध के किनारे पर पानी में बहुत से कागजात नजर आने पर उन्होंने नीचे उतरकर देखा तो सकते में आ गए। बहुत से आधार कार्ड, चेक बुक, अंतर्देशीय पत्र, लिफाफे, एसडीएम महासमुंद के पत्र-पानी में तैर रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने इसकी सूचना तत्काल जिले के मुख्य डाक घर कार्यालय महासमुंद को दी। उनके मुताबिक काफी देर बाद एक अधिकारी स्थल पर पहुंचा।

ग्रामीणों के मुताबिक उक्त सामग्री पर झलप डाक घर की मुहर लगी हुई है। इस संबंध में पूछे जाने पर झलप डाकघर की पोस्ट मास्टर सरिता राजपूत ने पत्रकारों को बताया कि झलप डाक घर की सभी प्रकार की डाक सामग्री डाकियों को वितरित की जा चुकी है। ऐसा किसके द्वारा और कब किया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं हैं। महासमुंद के डाक अधिकारी ने यह जानकारी फोन पर दी, तब उन्हें इस बात का पता चला।

बहरहाल यह जांच का विषय है कि आखिर यह डाक सामग्रियां डाकघर से निकलने के बाद इस तरह खुले में कैसे फेंक दी गई। इस कृत्य में किसी डाक कर्मी की भूमिका भी तय मानी जा रही है, जिसके ऊपर इन्हें बांटने का जिम्मा सौंपा गया है।

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