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भोपाल। मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव बोरवेल हादसों को लेकर सख्त हैं। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल का निगरानी प्रशासन करे।

मध्य प्रदेश में आए दिन बोरवेल के हादसे देखे जा रहे हैं। यहां बोरवेल में गिरने की वजह से बच्चों की मौत भी हो चुकी है, कभी- कभी किसी बच्चों को बचाने में सफलता भी प्राप्त हो जाती है। लगातार हो रहे हादसों को देखते हुए प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव ने आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि अनुपयोगी और खुले नलकूप,बोरवेल, ट्यूबवेल की निगरानी प्रशासन करे।

सीएम ने दिया ये निर्देश

प्रदेश में लगातार हो रहे बोरवेल हादसों को देखते हुए सीएम मोहन ने आदेश जारी करके कहा है कि प्रदेश में अनुपयोगी और खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल जो भी है उसकी निगरानी प्रशासन को करना चाहिए। इसके अलावा यह भी कहा है कि लोक स्वस्थ यांत्रिकी विभाग पोर्टल के जरिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में नवीन नलकूप, बोरवेल खनन की जानकारी रखेगा। विभाग नलकूप खनन मशीनों का पंजीयन, नलकूप खनन करने वाले ठेकेदार की जानकारी और अनुपयोगी खुले नलकूपों की पोर्टल के जरिए करेगा निगरानी करेगा। बता दें कि ये आदेश सीएम ने प्रदेश के सभी जिले के कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, जिला पंचायत सीईओ और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दिया है।

अब कलेक्टरों ने जारी किया फरमान

MP के मुख्यमंत्री द्वारा बोरवेल के संबंध में सख्ती दिखाने के आदेश के बाद जिलों में कलेक्टरों द्वारा अपने स्तर पर कार्रवाई के दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं। सिहोर के कलेक्टर प्रवीण सिंह ने आम लोगों द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए कराए जाने वाले बोरबेल को खुला छोड़ देने से होने वाली दुर्घटनाओं एवं जनहानि को रोकने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किये है।

कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा जारी आदेश अनुसार बोर खनन करते समय भूमि स्वामी एवं बोर खननकर्ता किसी भी स्थिति मे बोरवेल को खुला नही छोडे़ंगे। बोरबेल में पानी नही होने तथा उपयोग में नही लाए जाने वाले बोरवेल को लोहे की प्लेट, सीमेंट या मजबूत केप से बंद करके रखने के आदेश दिए है। खाली बोरवेल को चारों तरफ से फेंसिंग कराना अनिवार्य होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

इसी तरह का आदेश भोपाल कलेक्टर और अन्य जिला प्रशासन भी जारी कर रहे हैं। इसके साथ ही आम लोगों से इस तरह खुले बोरवेल की सुचना देने की भी अपील की गई है।

MP में लगातार हुए बोरवेल हादसे

मध्य प्रदेश में अक्सर बोरवेल हादसा देखा जाता है। हाल में ही अलीराजपुर और राजगढ़ में हुए बोरवेल हादसे में बच्चों की जाने गई हैं। बता दें कि राजगढ़ जिसे में 5 साल की एक बच्ची गिर गई थी जिसे बचाने के लिए लगभग 9 घंटे रेस्क्यू किया गया था। बच्ची को निकालने के बाद उसे आनन-फानन में भोपाल के हमीदिया अस्पताल भेजा गया था लेकिन बच्ची ने दम तोड़ दिया था। राजगढ़ के अलावा अलीराजपुर जिले में भी बोरवेल में गिरने की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई थी। बच्चे की मौत के बाद अलीराजपुर कलेक्टर ने आदेश जारी किया था और कहा था कि अगर खुला बोरवेल छोड़ा तो धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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