नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दो परिवार के मामूली मुद्दे को सुलझाते हुए अनोखा फैसला दिया। अदालत ने दोनों परिवार के सदस्यों को समाज में योगदान देकर अपनी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए अपने क्षेत्रों में 400 पौधे लगाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि पक्षकार पौधे लगाएंगे और पांच साल तक उनकी देखभाल करेंगे।
अदालत ने जानबूझकर चोट पहुंचाने, चोट पहुंचाने की तैयारी के बाद घर में अतिक्रमण करने, हमला करने या गलत तरीके से रोकने, आपराधिक धमकी देने और गैर इरादतन हत्या के प्रयास के लिए दर्ज दो आपराधिक मामलों में कार्यवाही को रद्द कर दिया। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा, “मेरा मानना है कि पार्टियों को समाज में योगदान देने का निर्देश देकर उनकी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म किया जाना चाहिए। इसलिए, दोनों मामलों में याचिकाकर्ताओं को अपने क्षेत्रों में 200-200 पेड़ लगाने का निर्देश दिया जाता है। जगह की पहचान की जाएगी जांच अधिकारी (IO) द्वारा बागवानी विभाग के परामर्श के बाद और वह याचिकाकर्ताओं को 15 दिन पहले सूचित करेंगे।
पेड़ लगाने की जगह बताएगा जांच अधिकारी
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी उचित प्राधिकारी द्वारा उचित निगरानी के लिए पौधों की जियो-टैगिंग की संभावना भी तलाशेंगे। उसने इस मामले में नवंबर में अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। पहली FIR में शिकायतकर्ता ने कहा कि मामला 4 मार्च, 2017 का है, जब एक परिवार के तीन सदस्य उसके घर आए और कंबल दिलाने के लिए उनकी आईडी मांगी, जिसे एक राजनीतिक दल के उम्मीदवार द्वारा वितरित किया जाना था।
झगडे की ये थी वजह
शिकायतकर्ता ने तीनों को बताया कि वे दूसरे राजनीतिक दल के समर्थक थे, जिसके कारण मौखिक विवाद हुआ और बाद में लड़ाई हुई। दूसरी FIR में दूसरे पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि जब वे कंबल बांटने के लिए आईडी जमा कर रहे थे तो दूसरे परिवार ने उनसे झगड़ा कर लिया और उनकी पिटाई कर दी। बाद में दोनों पक्ष जनवरी में एक समझौते पर पहुंचे और अदालत को बताया कि उन्होंने बिना किसी डर, दबाव या दबाव के आपस में अपनी मर्जी से मामला सुलझा लिया है।
इसी तरह के एक दूसरे मामले में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 का उल्लंघन करने के आरोपी एक व्यक्ति को हाल ही में पटना हाई कोर्ट ने इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी कि वह 500 पेड़ लगाएगा और 6 महीने तक उनकी देखभाल करेगा।