भोपाल। मध्य प्रदेश में ED ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने पीपुल्स ग्रुप पर शिंकजा कस दिया है। मनी लांड्रिंग के तहत पीपुल्स ग्रुप की 230 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच कर दी गयी है। कुर्क की गई सम्पत्तियों में लैंड, बिल्डिंग, मशीनरी, कॉलेज, स्कूल, ट्रेनिंग सेंटर, पेपर मिल प्रिंटिंग मशीन भी शामिल हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग का केस

बता दें कि पिछले महीने पीपुल्स समूह पर ED ने छापेमार कार्रवाई की थी। इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने 8 लाख नगद सहित तमाम दस्तावेज जब्त किए थे। पीपुल्स ग्रुप पर ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।

ED का मामला कंपनी कानून, 2013 की विभिन्न धाराओं के तहत सुरेश नारायण विजयवर्गीय, दिवंगत राम विलास विजयवर्गीय, पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा दायर तीन आरोपपत्रों पर आधारित है।

FDI से मिले धन का दुरूपयोग

ईडी का आरोप है कि उसकी जांच में पाया गया कि विजयवर्गीय ने संदिग्ध तरीकों से एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) से मिले धन का उपयोग करके स्वयं को और अपने नियंत्रण वाली संस्थाओं को समृद्ध किया, जिससे तीन कंपनियों (पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड) के अंशधारकों के हितों को नुकसान पहुंचा।

करोड़ों का हुआ विदेशी निवेश

बयान के अनुसार पीपुल्स समूह की तीन कंपनियों में 2000 से 2011 के बीच 494 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था। वह राशि ब्याज मुक्त (या मामूली ब्याज) ‘ऋण’ एवं अन्य तरीके से एस एन विजयवर्गीय और उनके नियंत्रण वाली इकाइयों को भेज दी गई जिसके तहत अपराध से 594.65 करोड़ रुपये की आय हुई।

ED ने जांच के बाद इस ग्रुप की 230 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर दी है। इस ग्रुप के भोपाल में मेडकल कॉलेज, अस्पताल और मीडिया संस्थान, मॉल सहित कई संस्थान हैं। जो संपत्ति अटैच की गयी उसमें ये सब शामिल हैं।

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