रायपुर। सरगुजा के तमोर पिंगला अभ्यारण्य के एलीफैंट रिज़र्व में रामकोला स्थित हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र में रखे गए कुनकी हाथी दुर्योधन को 9 दिनों पूर्व जब जंगल में घुमाने ले जाया गया था, तब वह जंगली हाथियों से मिल गया और अभी तक रेस्क्यू सेंटर में वापस नहीं लौटा है। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा दुर्योधन को जंगली हाथियों के दल में पहचान लिया गया है, पर विशेषज्ञ उसे जंगली हाथियों से अलग नहीं कर पा रहे हैं। वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन विभाग से यह अपील की है कि दुर्योधन जब जंगल वापस लौट गया है तो उसे वापस नहीं लाया जाये।

बेहोश कर वापस लाने की तैयारी

नितिन सिंघवी ने बताया कि एक अधिकारी के हवाले से यह खबर छपी है कि दुर्योधन को अन्य कुनकी हाथियों की मदद से अलग करने की कोशिश जा रही है, ट्रेंकुलाइज करना Grand विकल्प है। समाचार के अनुसार कानन पेंडारी जू के डॉक्टर पी.के.चन्दन को बुलाया गया है, इससे पता चलता है कि वन विभाग दुर्योधन को ट्रेंकुलाइज कर वापस लाने की तैयारी कर रहा है। इस पर दुर्योधन को ट्रेंकुलाइज न करने की मांग वन जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने मुख्य वन्यजीव संरक्षक से करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पॉवर कमेटी से ट्रेंकुलाइज करने के पूर्व अनुमति लेने की भी मांग की।

जंगल में रहने में ही है “दुर्योधन” का कल्याण

मुख्य वन्यजीव संरक्षक को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि दुर्योधन का कल्याण जंगल में रहने में ही है। उसे ट्रेंकुलाइज करके वापस लाने में उसकी जान को भी खतरा हो सकता है और आजीवन बंधक रहने में उसका किसी भी प्रकार का कल्याण नहीं होने वाला। उसे जबरदस्ती कुनकी हाथियों की मदद से बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए। वन विभाग को वन्यप्राणियों को पकड़ कर आजीवन बंधक बनाने की मानसिकता से ऊपर उठना चाहिए। गलत निर्णय से दुर्योधन की जान को कोई खतरा होता है तो मुख्य वन्यजीव संरक्षक जिम्मेदार होंगे।

दुर्योधन ने देश में पेश किया एक ज्वलंत उदाहरण


नितिन सिंघवी बताते हैं कि बंधक हाथी को कभी भी पालतू नहीं बनाया जा सकता। यहां तक कि बंधक हाथी के बच्चे को भी एक उम्र पश्चात वन में पुनर्वासित किया जा सकता है। हाथियों का मूल गुण जंगल में रहने का और स्वच्छंद विचरण करने का है। वर्षो से बंधक दुर्योधन ने वापस जंगली हाथियों के दल में शामिल हो कर देश में एक ज्वलंत उदाहरण प्रस्तुत किया है कि हम बंधक हाथियों को भी वन में पुनर्वासित कर सकते हैं। इस पर छत्तीसगढ़ वन विभाग को गर्व होना चाहिए। सिंघवी ने खेद जताया कि दुर्योधन को पकड़ कर वापस रेस्क्यू सेंटर में लाने के लिए ट्रेंकुलाइज करना अंतिम विकल्प रखा गया है और ट्रेंकुलाइज करने के लिए ही डॉ.चन्दन को बुलवाया गया है।


सोनू हाथी को भी छोड़ा जाये


वर्ष 2016 में अचानकमार टाइगर रिज़र्व से पकड़े गए सोनू हाथी के मामले में डॉ मेनन टी.एस. की सलाह मानते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भी सोनू को वन में पुनर्वासित करने का आदेश दिया था कि उसे ऐसे कैंप में रखा जाए जहां पर वह जंगली हाथियों से मिल जाए और धीरे-धीरे वापस जंगल में चला जाए कोर्ट ने यह कार्य कब किया जावे, यह वन अधिकारियों की विसडम (बुद्धि) पर छोड़ा था, आज तक सोनू को जंगल में पुनर्वासित करने का प्रयत्न नहीं किया गया है।

जानिए “दुर्योधन” के बारे में


वन विभाग द्वारा हाथियों का रेस्क्यू किया जाता है और पाल पोस कर बड़ा करके प्रशिक्षित किया जाता है। साथ ही उन्हें जंगली हाथियों को वश में करने या फिर खदेड़ने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाता है। ऐसे हाथियों को कुनकी कहा जाता है। दुर्योधन हाथी को कर्नाटक के दुबरे जंगल में पकड़ा गया था। उसे जब जनवरी 2018 में छत्तीसगढ़ लाया गया तब उसकी उम्र 35 वर्ष थी और आज वह लगभग 40 वर्ष का हो गया है।
विभाग से यह अपील की है कि दुर्योधन जब जंगल वापस लौट गया है तो उसे वापस नहीं लाया जाये।

सिंघवी ने कहा कि दुर्योधन अपने आप वापस आ जाता है तो उसका स्वागत करना चाहिए परन्तु वापस आने के बाद भाग जाने के नाम से उसे कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए।

कुल 5 कुनकी हाथी लाये गए थे

तमोर पिंगला अभ्यारण्य के एलीफैंट रिज़र्व में रामकोला स्थित हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र में कुल 5 कुनकी हाथी लाये गए थे। इनमे तीरथ राम, परसु राम, योगलक्ष्मी, गंगा और दुर्योधन शामिल हैं। वर्तमान में दुर्योधन जंगली हाथियों से जा मिला है। बताया जाता है कि वह किसी हाथी को घेर कर वाहन में चढ़ाने तक का अनुभव रखता है। ऐसा पहली बार सुनने में आ रहा है कि कोई कुमकी हाथी इस तरह जंगली हाथियों के दल में जा मिला हो। बताया जाता है कि यह मौसम हाथियों के मदमस्त होने का काल है और हाथी ऐसे मौके पर मेटिंग के लिए मादा हाथियों की ओर आकर्षित होते हैं। संभव है कि दुर्योधन हाथी भी इसी वजह से जंगली हाथियों के दल में जा मिला हो।

बता दें कि तमोर पिंगला अभ्यारण्य में लगभग 70 हाथी मौजूद हैं और इन्ही में से 25 हाथियों के एक दल में दुर्योधन के शामिल होने की सूचना है।

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