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राजनांदगांव। ग्रामीणों के को झांसे में लेकर उनसे लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। खैरागढ़ जिले के दूरस्थ इलाकों में हुए अलग-अलग 4 मामलों में 15 लाख रुपए की ठगी को लेकर मोहगांव पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। वहीं गंडई स्थित भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मैनेजर को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। चारों प्रकरण में लोन गंडई ब्रांच से ही संबंधित है। दो युवकों ने ग्रामीणों को धोखे में रखकर हेराफेरी की, जिसकी शिकायत के बाद पुलिस ने धरा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

स्टेट बैंक से ऋण दिलाकर रूपये झटके

पुलिस के मुताबिक मोहगांव थाना के पैलीमेटा के रहने वाले ललित शर्मा, निखिल श्रीवास्तव ने अलग-अलग गांव के ग्रामीणों को धोखे में रखकर स्टेट बैंक से ऋण दिलाया। आरोपियों ने ग्रामीणों का भोलेपन का फायदा उठाते लाखों रुपए डकार लिए। जिसमें एक मामले में लमरा गांव के रहने वाले लतमार निर्मलकर को आरोपियों ने षडयंत्र पूर्वक केसीसी ऋण दिलाने के नाम पर 4 लाख रुपए का चूना लगाया।

दूसरे प्रकरण में लमरा गांव की रहने वाली देवकी निर्मलकर से 5 लाख 20 हजार रुपए फिक्स्ड डिपाजिट करने के नाम पर ठगी की गई। जिसमें गंडई ब्रांच के एसबीआई के कर्मचारी की मिलीभगत सामने आई है। इधर आरोपी ललित शर्मा ने अपने मित्र जीवन गोंड़ के साथ सियाराम गोंड़ के 3 लाख 98 हजार रुपए को हड़प लिया।

बैंक मैनेजर ने भी ठगी में किया सहयोग

इस प्रकरण में तत्कालिन शाखा प्रबंधक अरविंद कुमार ने भी आरोपियों का साथ दिया। मैनेजर ने आरोपियों के साथ षडयंत्र कर सियाराम गोंड़ के खाते में जमा 3 लाख 98 हजार रुपए को आरोपी के साथी जीवन गोंड़ के खाते में जमा कर दिया। उक्त राशि वापस नहीं मिलने के बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की।

दूसरी महिला को खड़ाकर ले लिया लोन..!

एक और जालसाजी के प्रकरण में लगनीबाई नामक महिला ने शिकायत की है। जिसमें आरोपियों ने महिला की बजाय एक अन्य महिला को बैंक में खड़ा कर 2 लाख 80 हजार रुपए का लोन लिया। बैंक द्वारा कर्ज पटाने की नोटिस मिलने के बाद महिला को सच्चाई का पता चला। बताया जा रहा है कि इस तरह पैलीमेटा इलाके में दर्जनभर ग्रामीणों से धोखाधड़ी की गई है। इस मामले में अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। फ़िलहाल सभी की तलाश की जा रही है।

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