महासमुंद। महासमुंद जिले के रूह कंपा देने वाले किशनपुर हत्याकांड में आखिरकार आज 5 साल बाद फैसला आ ही गया। इस हत्याकांड में ANM योगमाया के साथ उसके पति और दो बच्चों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। विशेष न्यायाधीश लीलाधर सारथी ने हत्या के मामले में पांचों आरोपियों को 4-4 बार उम्रकैद की सजा सुनाई है।

इस वीभत्स हत्याकांड को लेकर आज न्यायलय परिसर में सुबह से ही भारी गहमा-गहमी रही। फैसला सुनाने के पहले तक विशेष न्यायाधीश अपने कक्ष में इसी मामले की फाइल पढ़ रहे थे। बताया जा रहा है कि प्रदेश में नार्को टेस्ट का यह पहला मामला रहा।

फांसी की सजा की करेंगे मांग

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता प्रलय थीटे का कहना है कि इस न्याय से वे संतुष्ट नहीं हैं और अब इस मामले को हाईकोर्ट जाएंगे और सभी आरोपी को सजा ए मौत की मांग करेंगे। गौरतलब है कि किशनपुर हत्याकांड की रूह कंपा देने वाली तस्वीरें आज भी बहुत से लोगों के जेहन में जिंदा है। इस मामले में हत्यारे धर्मेंद्र बरिहा, सुरेश खुंटे, गौरी शंकर कैशर्त, फूल सिंग यादव, अखंडल प्रधान सलाखों के पीछे हैं।

हत्यारों को पकड़ने के लिए करना पड़ा प्रदर्शन

मृतकों के परिजनों ने इस मामले की सही जांच नहीं होने का आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत करने के साथ ही फॉरेंसिक टीम के अलावा सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। लगातार परिजन मामले की सूक्ष्म जांच कराने की मांग करते रहे। तब कहीं जाकर सीबीआई जांच की गई। वहीं फॉरेंसिक जांच के बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी गई थी।

बेदर्दी से कर दी गई थी हत्या

पुलिस के मुताबिक महासमुंद जिले के पिथौरा थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में 30 और 31 मई 2018 की दरमियानी रात योगमाया साहू, उसके पति चैतन्य साहू और दो बच्चों सात वर्षीय तन्मय साहू और छह वर्षीय बच्चे की बड़ी बेरहमी से धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। मृतका योगमाया गांव में ही बने उप स्वास्थ केंद्र में काम करती थी, और अपने परिवार के साथ उसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर में रहती थी।

घटना के अगले दिन चारों के शव घर से बरामद किए गए थे। मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परिजनों ने इसके विरोध में जमकर हंगामा करते हुए धरना भी दिया था। इसके बाद काफी दबाव में आकर पुलिस ने एक आरोपी धर्मेंद्र को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

चोरी के इरादे से घर में घुसा..!

पुलिस ने कहा था कि धर्मेंद्र बरिहा चोरी के इरादे से घर में घुसा था, जिसे चैतन्य ने पकड़ लिया था। जिसके बाद धर्मेंद्र ने सबकी हत्या कर दी। पुलिस के इस बयान को लेकर मृतक के परिजनों ने असंतुष्टि जताई थी। चैतन्य के पिता बाबूलाल साहू ने अपने वकील राघवेंद्र प्रधान के माध्यम से याचिका दाखिल की थी।

इस मामले में परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र का नार्को टेस्ट भी कराया था। इस टेस्ट में उसने अपने साथ चार और आरोपियों फूल सिंह यादव, गौरी शंकर केवट, सुरेश खुंटे और अखंडल प्रधान का नाम भी लिया। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस केस में कुल 5 लोगों को पकड़ा था।

Loading

error: Content is protected !!