सुकमा। विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के आंकड़ों पर नजर डालें तो ओवर आल इसका प्रतिशत काफी अच्छा रहा मगर बस्तर के अनेक हिस्सों में काफी काम मतदान हुआ। नक्सलियों द्वारा किये गए चुनाव बहिष्कार के ऐलान का असर ऐसे इलाकों में देखा गया। हालांकि बस्तर के बीजापुर इलाके में सबसे कम मतदान हुआ मगर सुकमा के कोंटा विधानसभा क्षेत्र में भी 36 ऐसे मतदान केंद्र चिन्हित किये गए जहां कुछ दर्जन ही वोट डाले जा सके।

बदले गए केंद्रों में कम हुई वोटिंग

विधानसभा चुनाव के लिए कोंटा विधानसभा के कुल 233 मतदान केंद्रों में से अतिसंवेदनशील इलाकों के 36 मतदान केंद्र को सुरक्षा कारणों से नजदीकी थाना व कैंप के आस-पास स्थांतरित किया गया था, जिसमें नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार का असर दिखा।

हिड़मा के गांव में गिनती के वोट

नक्सलियों के बड़े लीडर और कंपनी के नंबर 01 कमाडंर माने जाने वाले नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी मतदान हुआ है। नक्सलियों की ओर से चुनाव बहिष्कार का असर इस गांव में भी दिखा, यहां गिनती के लोगों ने ही मतदान किया। पूवर्ती गांव में कुल 649 मतदाता हैं, इनमें 353 पुरुष और 296 महिला मतदाता है। चूंकि नक्सलियों का नेता इसी गांव का रहने वाला है, ऐसे में यहां चुनाव बहिष्कार खासा असर देखने को मिला। फिर भी गांव के 05 पुरुषों और 05 महिलाओं ने मतदान किया, यहां मतदान का प्रतिशत 1.57 रहा।

इन केंद्रों में 01% से भी कम वोटिंग

बस्तर संभाग के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलियों के आधार क्षेत्र का दायरा 36 मतदान केंद्रों तक सिमट कर रह गया है। स्थांतरित किए गए 36 मतदान केंद्रों में इस बार औसत 21.57 प्रतिशत मतदान हुआ, इनमें से 07 केंद्र ऐसे थे, जिनमें मतदान 01 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ। इनमें उरसांगल में 02 , सुरर्पनगुड़ा में 03, चिमलीपेंटा में 04, बैरपल्ली में 05, मोड़ी में 05, कामाराम में 03 एवं एलमपल्ली में 03 वोट पड़े। 05 फीसदी से कम वोटिंग वाले मतदान केंद्र में, पूवर्ती में 10, मोरपल्ली में 47, गोगुंडा में 23, नागराम में 15, पामलूर-2 में 24, करीगुंडम में 39, पेंटापाड़ में 35 व गच्चनपल्ली मतदान केंद्र में 52 वोट डाले गए। 05 मतदान केंद्र में मतदान का प्रतिशत 05 से ज्यादा और 10 प्रतिशत के भीतर था। इनमें गोंडेराम मतदान केंद्र में 56, बगड़ेगुड़ा में 63, सिंगाराम में 66, दुरमा में 24 और मेहता मतदान केंद्र में 28 मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया।

कोंटा में 08% बढ़ा मतदान

कोंटा विधानसभा के कुल 233 मतदान केंद्र में इस बार मतदान का प्रतिशत वर्ष 2018 की तुलना में 08 प्रतिशत बढ़ गया। निर्वाचन आयोग से मिले आकड़ों के मुताबिक इस बार 63.14 प्रतिशत मतदान हुआ, वर्ष 2018 में मतदान का प्रतिशत 55.30 था।

अंगुली पर नहीं लगवाई स्याही

बस्तर के अनेक नक्सल प्रभावित गांवों में सुरक्षा व्यवस्था के चलते ग्रामीण वोट करने तो पहुंचे, मगर ऐसे लोगों ने मतदान के दौरान अंगुली पर स्याही लगवाने से इंकार कर दिया। उन्हें इस बात का खतरा था कि बाद में नक्सली उनकी पहचान करके उनके ऊपर हमला कर सकते हैं।

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