नई दिल्ली। संसद में जहां एक ओर पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी की बर्खास्तगी रद्द की गई, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल का निलंबन रद्द हो गया है। विशेषाधिकार समिति ने सोमवार (7 अगस्त) को पाटिल को राज्यसभा में बहाल करने का प्रस्ताव रखा। समिति ने रजनी पाटिल को कथित तौर पर सदन के अंदर शूट किए गए वीडियो को प्रसारित करने के लिए विशेषाधिकार के उल्लंघन का दोषी माना था। वह पिछले चार महीने से राज्य सभा से निलंबित थीं।

सदन का वीडियो रिकॉर्ड कर वायरल किया था

राज्यसभा ने 10 फरवरी को राज्य सभा से कथित तौर पर वीडियो रिकॉर्डिंग करने और उसे प्रसारित करने के लिए रजनी पाटिल को शेष बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। पाटिल के निलंबन का निर्णय बीजेपी सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव की शिकायत के आधार पर लिया गया था।

बीजेपी सांसद की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई

नरसिम्हा राव ने उनके खिलाफ चेयरमैन जगदीप धनखड़ से शिकायत की थी। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया था कि राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने नरसिम्हा राव की शिकायत की जांच करेगी। उन्होंने रजनी पाटिल को निलंबित करने के लिए एक प्रस्ताव भी पेश किया था। वहीं, निलंबन के समय रजनी पाटिल ने कहा था कि उन्होंने जानबूझकर कुछ नहीं किया (वीडियो शूट) और उन्हें कड़ी सजा दी गई। पाटिल के निलंबन के बाद कांग्रेस के सांसदों ने फैसले का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया था।

क्या कहा रजनी ने…

रजनी पाटिल ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर कुछ नहीं किया है। “मैं एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हूं और मुझे न्याय मिलना चाहिए। मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया है।” राज्यसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद पाटिल ने खुशी जताते हुए कहा, “मैं अब सदन की गरिमा के अनुरूप काम करूंगी.” उन्होंने कहा कि निलंबन के दौरान वो सदन में सवाल नहीं पूछ सकीं, इसके लिए उन्हें दुख है।

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