अहमदाबाद। सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया गया। दरअसल बीजेपी के दिनेश जोधानी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे। अपने साथ प्रस्तावकों को न रख पाने पर कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी ने कहा, मेरी सुबह प्रस्तावकों से बात हुई थी, उन्होंने कहा था कि 9 बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, हमें उम्मीद थी वो आएंगे लेकिन अब सभी के फोन बंद है। चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को प्रस्तुत नहीं कर पाने के चलते जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म निरस्त कर दिया।

प्रस्तावकों के अपहरण का लगाया आरोप

निलेश कुम्भानी ने कहा कि सरकार की धमकी के सामने सब डरे हुए हैं। कांग्रेस के नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा कि हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है, चुनाव अधिकारी को अभी फॉर्म पर हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं, इसकी नहीं बल्कि अपहरण की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर टेली किए बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है, प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सही हैं या गलत उसकी जांच के बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है।

पुलिस पर कार्यवाही नहीं करने का आरोप

एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा, प्रस्तावकों के अपहरण होने की हमने शिकायत दर्ज की है लेकिन अभी तक पुलिस की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई। हम हाई कमांड से बात कर हाईकोर्ट का रूख करेंगे।

कांग्रेस नेता ने खुद प्रत्याशी पर…

वहीं कांग्रेस के नेता असलम सायकलवाला ने कहा, निलेश कुम्भानी को कैंडिडेट बनाना कांग्रेस की गलती थी, निलेश कुम्भानी ने टिकट का सौदा किया और वो बिक चुके हैं. अन्य कांग्रेस के कार्यकर्ताओं – नेताओं ने कहा प्रस्तावक में बहेनोई, भांजा और भागीदार था और अब वही मौजूद नहीं हो रहे हैं तो मतलब ये है कि निलेश कुम्भानी खुद शंका के दायरे में हैं और उन्होंने बीजेपी से सौदेबाजी कर ली है।

वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप खारिज करते हुए कहा कि खुद की गलती छिपाने के लिए कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है. कांग्रेस को इसका जवाब जनता गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर बीजेपी को 5 लाख से ज्यादा लीड से विजयी बनाकर देगी।

प्रस्तावकों ने खुद आकर दी थी ये सफाई..!

बता दें कि, बीजेपी के दिनेश जोधानी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के नामांकन पत्र को लेकर कल सवाल उठाए थे। कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के तीनों प्रस्तावक के हस्ताक्षर को लेकर चुनाव अधिकारी से बीजेपी के दिनेश जोधानी ने शिकायत की थी। वहीं निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई, भांजे और भागीदार के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने कल एफिडेविट कर कहा था कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है, जिसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब है।

चुनाव अधिकारी ने की VIDEO रिकॉर्डिंग

चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक उनके बहनोई जगदीश सावलिया, उनके भांजे ध्रुविन धामेलिया और भागीदार रमेश पोलरा के निवेदन का वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया था। प्रस्तावकों के दावे के बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिए कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी को एक दिन का वक्त दिया था. कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी अपने एडवोकेट के साथ चुनाव अधिकारी को जवाब देने पहुंचे थे, लेकिन तीन में से एक भी प्रस्तावक मौजूद नहीं रहे। बता दें कि, देश के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई 5 बार गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से सांसद रहे थे, लेकिन साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है।

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