Trending Now
PANGOLIN

रायपुर। छत्तीसगढ़ के जंगलों में पैंगोलिन नमक दुर्लभ जीव बहुत ही कम संख्या में बच गए हैं। इसकी प्रमुख वजह इस जीव के शल्क की होने वाली तस्करी है। राजधानी रायपुर के खरोरा थानाक्षेत्र में एक युवक ने वन्यजीव पैंगोलिन को छिपाकर अपने घर में रखा था। इस जीव की कीमत लगभग 8 लाख रुपए आंकी गई है। युवक इस वन्यजीव को बेचने के फिराक में ग्राहक ढूंढ रहा था।

स्थानीय लोग इस जीव को बोलचाल की भाषा में सालखपरी कहते हैं। पुलिस टीम को जानकारी मिली थाने क्षेत्र के ग्राम बुढ़ेनी निवासी एक व्यक्ति अपने घर में जीवित पेंगोलिन रखा है। इसे बेचने के लिए वह ग्राहक की तलाश कर रहा है। पुलिस को सूचना मिलने पर घर की तलाशी ली गई। इस दौरान यहां छिपा कर रखा गया पैंगोलिन मिल गया। वहीं पकड़े गए युवक ने अपना नाम सतीश उर्फ परदेशी पारधी, उम्र 27 साल बताया।

पुलिस ने 15 किलोग्राम वन्यजीव नर सालखपरी (पेंगोलिन) को सुरक्षित बरामद कर लिया। इसकी कीमत लगभग 8 लाख रुपए आंकी गई है। गौरतलब है कि जंगलों में दीमक और अन्य कीड़े-मकोड़े खाने वाले जीव पैंगोलिन की शल्क दवा के काम अति और यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बिकती है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ से इस जीव की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। यदा-कदा इसके तस्कर पकड़े भी जाते हैं। जंगलों की रक्षा करने वाले वन अमले की लापरवाही का ही परिणाम है कि यहां के जंगलों में इस दुर्लभ जीव की संख्या घटती जा रही है।

You missed

error: Content is protected !!