दुर्ग। दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनू विश्वविद्यालय अंजोरा के कुलपति एवं संभाग आयुक्त महादेव कावरे, कुलसचिव डॉ. आर .के. सोनवाने, अधिष्ठाता डॉ एस .के. तिवारी, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ संजय शाक्य, विश्वविद्यालय के निदेशकगण, प्रशिक्षण प्रभारी डॉक्टर रामचन्द्र रामटेके, प्राध्यापकगण, जनसंपर्क अधिकारी एवं प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति में “बकरी पालन प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ।

इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे छत्तीसगढ़ से करीब 60 प्रशिक्षणथी उपस्थित रहे। जशपुर से लेकर बस्तर तक से इस प्रशिक्षण में शामिल युवाओं को काफी प्रोत्साहन मिला। इस नवाचार में सभी लोगों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

प्रशिक्षणार्थियों ने सेल्फ फाइनेंस मोड के तहत इसमें हिस्सा लिया। इन्हें बकरी पालन में नस्ल, पोषण प्रबन्धन, हाउसिंग मैनेजमेंट, सामान्य प्रबंधन, बीमारियों एवम रोकथाम, एन एल एम योजना में लगने वाले दस्तावेज़, आवेदन प्रक्रिया, लोन संबंधी जानकारी विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई।

इस तीन दिवसीय शिविर में बकरी पालन से संबंधित सभी जरूरी जानकारी कार्यशाला के माध्यम से पूरे लोगों ने हासिल की। प्रशिक्षण में बकरी की नस्ल से लेकर उनके रखरखाव, उन्हें होने वाली बीमारियों से संबंधित रोगों की पहचान, उनके लिये चारे का इंतजाम कैसे किया जाता है, इन सब के बारे में फील्ड पर ले जाकर जानकारी दी गई। इस अवसर पर पशुधन विकास विभाग के सीईओ द्वारा एन एल एम योजना के क्रियान्वन के बारे में जानकारी दी गई।

गौरतलब है कि इस प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने वाले युवाओं को भविष्य में बकरी पालन का व्यवसाय करने पर योजना के तहत सब्सिडी भी दी जाएगी। यही वजह है कि पहली बार हुए इस विशेष शिविर का प्रदेश भर के उत्साही युवाओं ने लाभ उठाया।

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