रायपुर। राज्य सरकार ने कोंडागांव जिला पंचायत के CEO नीलम टोप्पो को नवा रायपुर मुख्यालय में अटैच कर दिया है। उनके खिलाफ पिछले दिनों अंबिकापुर जिला प्रशासन ने जमीन घोटाले में FIR दर्ज कराया है।

राज्य शासन ने आज राज्य प्रशासनिक सेवा के जिन तीन आफसरों का तबादला किया है, उनमें कबीरधाम के अपर कलेक्टर अविनाश भोई को कोंडगांव जिला पंचायत CEO बनाया गया है। वहीं महासमुंद के अपर कलेक्टर निर्भय कुमार साहू को अपर कलेक्टर कबीरधाम की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह कोंडगांव जिला पंचायत के CEO की जिम्मेदारी संभल रहे नीलम टोप्पो को रायपुर मंत्रालय में अटैच कर दिया गया है। फिलहाल उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

अंबिकापुर में की सरकारी जमीन की हेराफेरी

सरगुजा के ज़िला मुख्यालय अंबिकापुर में राजमोहनी देवी भवन के पीछे मौजूद लगभग सवा चार एकड़ गोचर मद की भूमि को निजी व्यक्ति के नाम आबंटित कर दिया गया। इस घोटाले में प्रमुख भूमिका यहां के तत्कालीन नजूल अधिकारी तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, आर आई नारायण सिंह,आर आई राहुल सिंह और नजूल रीडर अजय तिवारी की रही है। जांच में इनकी भूमिका उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने इन सभी के खिलाफ FIR दर्ज करा दिया है। नीलम टोप्पो वर्तमान में पदोन्नत होकर अपर कलेक्टर हो गए हैं और वर्तमान में वे कोंडागांव जिला पंचायत के CEO की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। घोटाले में नाम उजागर होने के बाद उन्हें यहां से हटा दिया गया है।

अंबिकापुर का यह वही जमीन घोटाला है जिसमे सरकारी भूमि को मृत हो चुके ग्रामीण के स्थान पर उसके हमनाम को खड़ा करके उसे नाम पर दर्ज कर दिया गया। इसके बाद जमीन को कई व्यक्तियों को बेच दिया गया। जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में बीते 12 मार्च को थाना गांधीनगर में FIR दर्ज कराई गई है। जिसमें आरोपियों के खिलाफ धारा 420,467,468,471 और 120 बी के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।

आरोपियों की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज

पुलिस में दर्ज इस मामले में अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह और नजूल रीडर अजय तिवारी की अग्रिम ज़मानत याचिका को अंबिकापुर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वहीं कलेक्टर के कोर्ट में जमीन घोटाले से जुड़े अन्य लोगों से जवाब मांगा गया है। जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर इनके खिलाफ भी पुलिस में FIR दर्ज कराया जायेगा।

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