भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में 7 दिसंबर को अनोखा नजारा दिखाई दिया। रतलाम के सैलाना से विधायक कमलेश्वर डोडियार बाइक से विधानसभा पहुंचे। मजेदार बात ये है कि वे रतलाम से करीब 300 किमी बाइक चलाकर ही भोपाल पहुंचे। विधानसभा में हर विधायक का अपना अलग जलवा था लेकिन पैरों में चप्पल पहने और बाइक से आए डोडियार को देखना अपने आप में अलग था। बता दें कि कमलेश्वर डोडियार भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने हैं।

कमलेश्वर के विधायक बनने का सफर

मजदूर परिवार में जन्मे कमलेश्वर डोडियार का झोपड़ी से लेकर विधानसभा तक का सफर किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। 33 साल के कमलेश्वर के माता-पिता मजदूर हैं। सैलाना में एक झोपड़ी में उनका परिवार रहता है। यहीं पर कमलेश्वर का बचपन बीता।

कमलेश्वर अपने 6 भाई और 3 बहनों में सबसे छोटे हैं। पढ़ाई में रुचि होने के कारण उन्होंने ग्रेजुएशन किया, इसके बाद वह कोटा चले गए थे। जहां उन्होंने मकान के निर्माण कार्य में मजदूरी का काम किया। बचपन से लेकर अब तक उन्होंने गरीबी को नजदीक से देखा और जाना है।

मदद के लिए चलते थे QR कोड लेकर

विधायक का चुनाव लड़ने के लिए पैसों की जरूरत होती है लेकिन कमलेश्वर के पास पैसा नहीं था लिहाजा उन्होंने 12 लाख रुपए का कर्ज लिया। साथ ही वे चुनाव प्रचार के दौरान अपना क्यूआरकोड लेकर चलते थे, ताकि लोग उनकी मदद कर सकें।

कांग्रेस प्रत्याशी को हराया, भाजपा तीसरे नंबर पर

कमलेश्वर डोडियार भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले चुनाव में उतरे और कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोट से मात दी। कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले और हर्ष विजय को 66,601 वोट। भाजपा की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं।

बाइक से क्यों पहुंचे भोपाल..?

गुरुवार को राजधानी भोपाल विधानसभा भवन पहुंचे भारत आदिवासी पार्टी से विधायक कमलेश डोडियार ने बताया कि उनके पास कार नहीं है और उन्होंने कर्ज लेकर चुनाव लड़ा। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। बस और ट्रेन से सफर करने में उन्हें काफी समय लगता है, इसलिए उन्होंने रतलाम से भोपाल तक 350 किलोमीटर का सफर बाइक से ही तय किया।

कुछ दिन पहले ही छूटे थे जेल से

कमलेश्वर डोडियार ने साल 2018 में भी सैलाना से चुनाव लड़ा था तब उन्हें 18 हजार वोट मिले थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वे लगातार अपने इलाके में सक्रिय रहे। साल 2022 में उन पर रतलाम के थाने में एक युवती ने दुष्कर्म का केस भी दर्ज कराया था जिसके चलते उन्हें जेल जाना पड़ा। जिस लड़की ने उन पर रेप केस दर्ज कराया था उससे उनकी सगाई तय हुई थी लेकिन राजनीतिक कारणों से युवती के परिजन विवाह नहीं करना चाहते थे। इसके बाद विवाद हो गया और युवती ने केस दर्ज करा दिया। नामांकन प्रक्रिया के सात दिन पहले ही कमलेश जेल से जमानत पर छूटे थे।

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