0 मंत्रालय में पहचान और पहुंच का दिया था हवाला

कोरबा। बालको की कोयला खदान से जबरन नौकरी से हटा दिए गए लोगों को फिर से नौकरी पर रखवाने का झांसा देकर रोशन बघेल ने छल किया और लाखों रुपयों की ठगी की। रोशन बघेल इससे पूर्व भी कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है और जेल की हवा भी खा चुका है।

मंत्रालय में पहुंच का दिया झांसा…

ठगी के शिकार लोगों ने बताया कि वे सभी बालको के चोटिया कोयला खदान में नौकरी कर रहे थे परंतु बालको कंपनी द्वारा छंटनी कर उनसे जबरदस्ती VRS भरवा कर 31 अक्टूबर 2020 को नौकरी से हटा दिया गया। वे सभी इस VRS को वापस कर नौकरी करना चाहते थे, इसी संदर्भ में वे ग्राम गुरसिया पोंड़ी उपरोड़ा निवासी रोशन बघेल से मिले, जिसने अपनी पहुंच मंत्रालय तथा बालको के उच्च अधिकारियों तक बताई एवं कहा कि फिर से उनकी नौकरी बालको में हो जाएगी एवं 6 माह के अंदर काम करवा दूंगा।

किस्तों में रूपये देने की हुई डील

इस संदर्भ में 39 लोगों से रोशन बघेल ने किश्त में रकम की मांग की जिसके मुताबिक पहली किश्त 7,80,000/- रुपये मार्च माह में नगद राशि दिये दूसरी किश्त 7,40,000/- रुपये अप्रैल माह में नगद राशि दिये एवं तीसरी किश्त 1,20,000/- रुपये अक्टूबर के माह में रोशन बघेल के पुत्र राहुल बघेल के अकाउंट में जमा किए, जो कि टोटल रकम राशि 16,40,000/- (सोलह लाख चालीस हजार रुपये) होती है।

समय पर नहीं हुआ काम तब भी दिया झांसा…

पीड़ितों को दिए हुए समय तक रोशन बघेल कोई नहीं करवा पाया और टालमटोल करता चला गया। रोशन बघेल ने इनसे वादा किया था कि काम नहीं हुआ तो रकम वापस कर दूंगा। इस संबंध में इनकी एक बैठक भी हुई। जिसमें बघेल के द्वारा कहा गया कि मैं काम नहीं करवा पाया, इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं, मैं आप लोगों का पैसा वापस कर दूंगा, जिसमें से 3 से 4 लाख रुपये इधर-उधर खर्च हो गया। घर आकर रकम ले जाने के लिए कहा लेकिन जब सभी लोग निर्धारित समय पर उसके घर गुरसिया गए तब वह घर पर नहीं मिला और पता चला कि वह दिल्ली चला गया है।

पुलिस में दर्ज कराया FIR

पीड़ितों ने बताया कि रोशन बघेल द्वारा फोन पर ही रकम वापसी के नाम पर तारीख पर तारीख देते हुए टाल-मटोल कर उन्हें घुमाया जाता रहा। पुलिस में शिकायत करने की धमकी देने पर किसी तरह कुल 1,00,000/- रुपये ही वापस किया गया है। मानसिक एवं आर्थिक रुप से परेशान सुरेन्द्र और उसके साथियों ने आखिरकार पुलिस की शरण ली। जिसके बाद रिपोर्ट पर रोशन बघेल व उसके पुत्र राहुल बघेल के विरुद्ध बांगो थाना में धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।

ठगी का शिकार हुए अधिकांश लोग आदिवासी

रोशन बघेल की ठगी का शिकार हुए अधिकांश लोग क्षेत्र के आदिवासी हैं, जिन्हें बालको प्रबंधन ने पहले नौकरी दी और बाद में उन्हें काम से बाहर कर दिया। इन सभी ने नौकरी के दौरान कमाए हुए पैसों में से जो कुछ बचाया था, उसे दोबारा नौकरी मिलने की उम्मीद से रोशन बघेल को सौंप दिया, अब उनके रूपये भी गए और नौकरी भी नहीं मिली।

पति-पत्नी ने रिटायर्ड ASI से भी की है ठगी

कोरबा और आसपास के कई जिलों में रोशन बघेल और उसके परिजनों द्वारा किये गए ठगी के किस्से मशहूर हैं। पूर्व में अखंड मध्यप्रदेश और फिर अजित जोगी के शासनकाल में रोशन बघेल ने अपना भ्रमजाल फैलाया और प्रदेश क्रिकेट संघ में पद हासिल किया तथा राजनीति में अपनी में अपनी पहुंच बनाई। तब भी कई लोग बघेल की ठगी का शिकार हुए।

ऐसा ही एक मामला बलौदाबाजार जिले का है। जिसमे पीड़ित प्रकाश सिंह पिता स्व. भागीरथी देशलहरे पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनका निवास ग्राम रिसदा थाना व जिला बलौदाबाजार है। जनवरी 2011 को वे अपने गांव रिसदा में थे कि 25 जनवरी को भांजा चन्द्र कुमार टण्डन निवासी लटुआ घर आया था। साथ में एक पुरूष व महिला भी थे। भांजे ने बताया कि ये रोशन बघेल और उनकी पत्नी हेमलता बघेल हैं, जो मुझे शिक्षाकर्मी में नौकरी लगाने के लिए 2,60,000/- (दो लाख साठ हजार रूपये ) लिये हैं। उसके बाद रोशन बघेल ने पीड़ित से कहा कि उसका परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति करा सकता हूं, पांच लाख रूपये लगेगा। तब उन्होंने बघेल को 4 लाख पचहत्तर हजार रूपये दिया।

इस मामले में भी ठगी हुई और इसके शिकार पूर्व पुलिस कर्मी प्रकाश सिंह ने FIR दर्ज कराई, जिसके बाद रोशन बघेल को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था।

CM से पहुंच का हवाला…

रोशन बघेल की ठगी के ऐसे ही कई किस्से हैं। कांग्रेस के शासनकाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलते-जुलते सरनेम का भी फायदा रोशन बघेल ने उठाया और उन तक अपनी पहुंच बताते हुए दर्जनों लोगों से ठगी कर ली। बहरहाल कोरबा जिले की बांगो पुलिस ने FIR दर्ज कर लिया है और रोशन बघेल तथा उसके पुत्र राहुल की तलाश में जुट गई है।

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