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0 राज्य के दो अधिकारियों से की 10 लाख 60 हजार की ठगी
0 छ0ग0 एवं म.प्र.,के अलावा बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं दिल्ली में भी की ठगी

रायपुर। छत्तीसगढ़ की पुलिस ने दो ऐसे अंतर्राज्यीय अपराधियों को गिरफ्तार किया, जो प्रदेश के बड़े अफसरों को फोन करके खुद को जांच एजेंसियों का अधिकारी बताते और उनकी सम्पत्तियों की जांच करने के नाम पर उनका भयादोहन करते। छत्तीसगढ़ में भी इनके द्वारा दो अधिकारियों से रकम की उगाही की गई, मगर दो अन्य अधिकारियों ने हिम्मत दिखाते हुए मामले की शिकायत पुलिस में कर दी, जिसके बाद मामले की जांच करते हुए दोनों आरोपियों को महाराष्ट्र के अमरावती से गिरफ्तार किया गया।

छत्तीसगढ़ में लगभग एक वर्ष ED और IT की कार्रवाइयां चल रही हैं, जिसके चलते अफसरों के बीच भय का माहौल है। ऐसे में अगर कोई शख्स किसी अफसर से फोन करके कहे कि वह सेंट्रल जांच एजेंसी से है और उसके खिलाफ ED, आईटी में जांच शुरू हो रही है, तो उनका भयभीत होना स्वाभाविक है। ऐसा ही तरीका छत्तीसगढ़ से दूर बैठे शातिर ठगों ने उठाया और अधिकारियों का भयादोहन किया। नवा रायपुर के राखी थाने में दर्ज इन मामलों में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

सेंट्रल एजेंसी से जांच का भय दिखाया

राखी थाने में पहली FIR आर.के. शर्मा, अधीक्षण अभियंता, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मण्डल और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुरेश चंद्र ने दर्ज कराई। आर.के. शर्मा के मुताबिक “मुझसे एवं सुरेश चंद्र से मोबाईल नंबर 9561225697 के धारक अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपने आप को ई.डी.(ED) का अधिकारी बता कर हम दोनो के विरूद्ध ई.डी., ई.ओ. डब्लू में संपत्ति संबंधी शिकायत की बात कही व जिसकी जांच मैं कर रहा हूं, बोलकर ब्लैकमेल कर हम दोनो से कुल 10 लाख 60 हजार रू. की ठगी करने का प्रयास किया।” शर्मा ने बताया कि “मुझे दिनांक 05.03.2023 को प्रात: 08.00 बजे के आसपास एवं मेरे कार्यालय के सुरेश चंद्र पिता श्री रामप्रसाद चंद्र उम्र 56 वर्ष वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी से दिनांक 18.03.2023 को मोबाईल नं. 9561225697 से एर्श्वय क्षेत्री नामक व्यक्ति जो अपने आप को ई.डी.(ED) का अधिकारी बता रहा था का फोन आया था उसने बोला कि में एश्वर्य क्षेत्री हूं, आपके विरूद्ध ई.डी., ई.ओ. डब्लू में संपत्ति संबंधी शिकायत है जिसकी जांच मैं कर रहा हूं, अगर आपको उक्त शिकायत जांच कार्यवाही से बचना है तो मुझे एवं सुरेश चंद्र से अलग अलग 05 लाख 30 हजार रूपये अमरावती भेज दो।

डरकर भेज दिए लाखों रूपये

पर्यावरण संरक्षण मंडल के दोनों अधिकारियों ने बताय कि “अज्ञात शख्स ने जिस तरह फोन किया उससे हम दोनों अत्यधिक घबरा गए और परिवार वालों एवं मित्रों को बताया एवं उनके सहयोग से रूपये एकत्र कर भयभीत होकर मैने अपने परिचित के माध्यम से अमरावती (महाराष्ट्र) उसी दिन 05 लाख 30 हजार रू. भेजकर दिया एवं सुरेश चंद्र द्वारा अपने परिचित के माध्यम से दिनांक 18.03.2023 को ED के कथित अधिकारी एश्वर्य क्षेत्री को 05 लाख 30 हजार दिया। मेरी उम्र 60 वर्ष है और सुरेश चंद्र की उम्र 56 वर्ष है हम इस बात से अत्यधिक डर गये थे। सेवानिवृत्त का समय पास होने के कारण एवं भयभीत होकर हमने पैसे दे दिये और भय वश किसी को नही बताये थे और ना ही कहीं शिकायत किये हैं अभी अब हम दोनो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं तो शिकायत कर रहे हैं। हम दोनो से उक्त मोबाईल धारक के द्वारा कुल 10,60,000 रू. की ठगी किया हैं।

अमरावती बुलाकर लिए रूपये

शातिर ठगों ने दोनों अधिकारियों से तय रकम अमरावती लेकर देनें को कहा जिसके बाद दोनों ने अलग-अलग सहयोगियों के माध्यम से कुल 10 लाख 60 हजार रूपये भिजवाए और हाथों -हाथ रूपये दिए।

आबकारी के अफसर से भी वसूली का प्रयास

राजधानी के राखी थाने में ही आबकारी विभाग के भी एक अफसर ने FIR दर्ज कराई। पुलिस ने इस अफसर के नाम उजागर नहीं किये हैं। उसने पुलिस को बताया कि “16.05.2023 को मोबाईल नंबर 9112329778 के धारक द्वारा कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 0771-2512612 में फोन कर स्वयं को प्रवर्तन निदेशालय, नई दिल्ली से बात करना कहकर, मुझे कुछ जानकारियां चाहिए कहा तथा पूछा गया कि वर्तमान में उपायुक्त आबकारी कौन है, अभी हाल ही में रिटायर्ड उपायुक्त कौन है, उनका मोबाईल नंबर पूछने के साथ ही एस.एन. साहू व रमेश अग्रवाल कौन है उनका मोबाईल नंबर पूछा जिस पर प्रार्थी द्वारा उक्त सभी जानकारियां एवं उनका मोबाईल नंबर अज्ञात व्यक्ति को दिया गया।

दूसरे अधिकारी से बात करने का दिया झांसा

अंत में व्यक्ति ने प्रार्थी को कहा कि आप श्री क्षेत्री, ज्वाइंट डॉयरेक्टर प्रवर्तन निदेशालय सेंट्रल जोन नागपुर से उनके मोबाईल नंबर 9561225697 से संपर्क कर लें। जिस पर प्रार्थी द्वारा कार्यालय के दूरभाष से मोबाईल नंबर पर संपर्क किया गया, जिस पर उसके द्वारा कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय को आपके विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जांच ई.डी., आयकर विभाग, ई.ओ. डब्ल्यू, ए.सी.बी एवं सी.वी.सी. से करायी जायेगी।

जांच की बात कहकर धमकाया तब…

फोन करने वाले तथाकथित अधिकारी ने प्रार्थी से कहा कि आप जवाब दें कि क्या करना है, उसके द्वारा उपरोक्त बातें बार-बार दोहराई गई तब प्रार्थी द्वारा कहा गया कि इस संबंध में आपके द्वारा जांच कर ली जायें, जिससे उसके द्वारा पुनः कहा गया कि आपका क्या कहना है, अन्यथा प्रकरण वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी जायेगी, उसके द्वारा यह भी कहा गया कि आप चाहें तो आपका प्रकरण समाप्त हो सकता है, जिसके लिये आपको मुझे पैसे देने होंगे एवं प्रार्थी को धमकाकर पैसों की मांग करने लगा। उसके द्वारा यह भी कहा गया कि आप चाहें तो आपका प्रकरण समाप्त हो सकता है, जिसके लिये आपको मुझे पैसे देने होंगे एवं प्रार्थी को धमकाकर पैसों की मांग करने लगा। अंत में प्रार्थी द्वारा कहा गया कि इस संबंध में आपके द्वारा जांच कर ली जायें, जिसके पश्चात् व्यक्ति द्वारा फोन काट दिया गया।

पुलिस ने दोनों FIR में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध थाना राखी में अपराध क्रमांक 117/23 धारा 419, 384 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया और जांच शुरू की।

लोकेशन के जरिये पकड़े गए अपराधी

जांच के दौरान पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटनाओं के संबंध में प्रार्थियों से विस्तृत पूछताछ कर अज्ञात आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। अज्ञात आरोपी द्वारा जिन मोबाईल नंबरों से प्रार्थियों के मोबाईल नंबरों व कार्यालय के दूरभाष नंबरों में फोन कर बातचीत किया गया था, उन नंबरों का तकनीकी विश्लेषण किया गया। इस दौरान आरोपियों की लोकेशन चिन्हांकित करने में सफलता प्राप्त हुई।जिसके आधार पर एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना राखी पुलिस की संयुक्त टीम को महाराष्ट्र के अमरावती रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा अमरावती में पतासाजी करते हुए प्रकरण में संलिप्त आरोपी अश्वनी भाठिया एवं निशांत इंगडे को हिरासत में लिया गया। इस दौरान पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा उक्त घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया गया।

इस तरह कर रहे थे ठगी का कारोबार

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी निशांत इंगडे इंटरनेट के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों व जिलों में पदस्थ उच्चाधिकारियों का मोबाईल नंबर व उनके कार्यालय का लैण्ड लाईन नंबर प्राप्त कर लेता था तथा आरोपी अश्वनी भाठिया उन्हीं मोबाईल/लैण्ड लाईन नंबरों में फोन कर स्वयं को ई.डी., ई.ओ. डब्ल्यू., आयकर विभाग एवं ए.सी.बी का अधिकारी होना बताकर पीड़ितों को अपने झांसे व भरोसे में लेता था, चूंकि आरोपी अश्वनी भाठिया अंग्रेजी भाषा में फ्लुयेंट बात करने के साथ ही एक उच्चाधिकारी की तरह बात करता था, जिससे पीड़ित आसानी से उसका शिकार बन जाते थे एवं उसकी बातों से डर जाते थे। आरोपी अश्वनी भाठिया ऐसे लोगों से रूपयों की मांग कर उन्हें रूपये लेकर अमरावती (महाराष्ट्र) के दुरस्थ स्थानों में बुलाता था तथा वह निशांत इंगडे के साथ जाकर पीड़ितों से रूपये प्राप्त करता था।

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