बिलासपुर। कांग्रेस पार्टी ने बिलासपुर समेत प्रदेश के चार लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी का एलान किया। इसमें बिलासपुर क्षेत्र से देवेन्द्र यादव को मैदान में उतारा गया है, जो दुर्ग जिले की भिलाई विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं। उन्हें प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद विरोध शुरू हो गया है। यहां से लोकसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी कर रहे संगठन के नेता जगदीश कौशिक ने आज सुबह जिला कांग्रेस कार्यालय के सामने टिकट नहीं मिलने पर आमरण-अनशन शुरू कर दिया है।

अनशन के साथ मौन धारण

धरने पर बैठे जगदीश कौशिक ने पत्रकारों से बातचीत से इंकार कर दिया। इस दौारन उन्होने दीवारों पर चिपके पेपर की तरफ इशारा किया, जिसे उन्होने खुद लिखकर चिपकाया है। पेपर में कौशिक ने लिखा है कि वह कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार कार्यकर्ता हैं। बावजूद इसके उन्हें ना तो विधानसभा का टिकट दिया गया। और ना ही लोकसभा में लड़ने का अवसर दिया गया है। मेरी तपस्या में क्या कमी रही है। पार्टी हाईकमान (स्टेट+सेंट्रल) समाधान करे। न्याय दो ! न्याय दो ! न्याय का हक मिलने तक आमरण अनशन पर।

मान-मनौव्वल का प्रयास हुआ बेकार

खबर मिलते ही बिलासपुर कांग्रेस के दोनों जिला अध्यक्ष आनन-फानन में कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। यहां मान-मनौव्वल कर जगदीश कौशिक को धरना खत्म करने को कहा गया, लेकिन कौशिक ने मनुहार को ठुकरा दिया। काफी देर तक विजय केशरवानी, जगदीश कौशिक का लगातार मान मनौव्वल कर धरना खत्म करवाने का प्रयास करते रहे। जगदीश कौशिक को मनाने शहर अध्यक्ष विजय पाण्डेय और प्रवक्ता रिषी पाण्डेय भी कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए। दोनों के निवेदन को भी जगदीश कौशिक ने मानने से इंकार कर दिया।

मामले में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि हमने जगदीश कौशिक को हाथ जोड़कर समझाने का प्रयास भी किया है। उन्हें मालूम है कि टिकट वितरण की प्रक्रिया और आधार क्या है। हमारे साथी हैं हम उनकी नाराजगी को दूर करेंगे।

बताते चलें कि जगदीश कौशिक एक जमाने में पत्रकार रहे हैं और वे इलाके के बोदरी नगर पंचायत के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे काफी समय से कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा के बाद जब लोकसभा में भी टिकट नहीं मिली, और प्रत्याशी भी बाहर का थोपा गया, तब उनका गुस्सा फूट पड़ा और वे बिलासपुर कांग्रेस भवन के सामने धरने पर बैठ गए हैं।

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