Rakesh sharma

‘चंद्रयान-3’ के चांद पर पहुंचने की खबरों के बीच अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा की चर्चा क्या छिड़ी, लोग उनके बारे में जानने के लिए बेताब रहे। लोगों की यह उत्सुकता रही कि देश के सबसे बड़े हीरोज में से एक राकेश शर्मा अभी कहां हैं? यह सवाल इंटरनेट पर हर कोई पूछ रहा था। आइए जानते हैं कि भुला दिया गया यह हीरो किस तरह गुमनामी ने सादगी भरा जीवन जी रहा है।

अंतरिक्ष पर जाने वाले एकमात्र भारतीय हैं राकेश

हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। जी हां, राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) साल 1984 में अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। भारतीय वायु सेना के एक पूर्व पायलट अभी भी एकमात्र भारतीय नागरिक हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में ऐसे कई भारतीय हुए हैं, जो अंतरिक्ष तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं, लेकिन वे भारत के स्थायी नागरिक नहीं हैं।

आज भी जब कोई अंतरिक्ष और भारत के बारे में बात करता है, तो राकेश शर्मा का नाम सामने आ जाता है। हालांकि, दुर्भाग्य से भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान इतिहास में इतना महत्वपूर्ण व्यक्ति होने के बावजूद, उन्होंने देश के लिए जो किया है, उसके लिए उन्हें कभी भी उस तरह की पॉपुलैरिटी और मान्यता नहीं मिली, जिसके वे हकदार थे।

जानिए राकेश शर्मा की लाइफ और और फैमिली बैकग्राउंड के बारे में

भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब में हुआ था। वह एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार से हैं। राकेश ने अपनी स्कूली शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई हैदराबाद से पूरी की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ‘सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल’ से पूरी की और बैचलर लेवल की पढ़ाई के लिए वे हैदराबाद के ‘निज़ाम कॉलेज’ गए।

बचपन से थी पायलट बनने की इच्छा

राकेश शर्मा हमेशा से पायलट बनना चाहते थे, इसलिए वह जुलाई 1966 में ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी’ (NDA) में शामिल हो गए। अपनी वीरता और कड़ी मेहनत के साथ उन्हें 1970 में एक पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में नियुक्त किया गया, जो वास्तव में उनके जीवन का सबसे खास पल था।

राकेश शर्मा ने युद्ध मे उड़ाए लड़ाकू विमान 

1970 में राकेश शर्मा एक टेस्ट पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए। ऐसे में, जब उन्हें भारतीय वायुसेना में अपने सपने को साकार करने का मौका मिला, तो उन्होंने इसे बर्बाद नहीं किया। IAF में केवल 14 वर्षों के भीतर राकेश शर्मा को 1984 में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर प्रमोट किया गया, जो काफी सराहनीय था। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे, जिसने उन्हें स्क्वाड्रन लीडर के पद के लिए एक योग्य अधिकारी बनाया था।

उनकी रैंक में इतने इजाफे के पीछे एक बड़ा कारण वह था, जो उन्होंने 1971 के बांग्लादेश लिब्रेशन वॉर में किया था। बता दें कि राकेश युद्ध के दौरान फेमस ‘मिग-21’ (लड़ाकू जेट विमान) चला रहे थे और उन्होंने 21 लड़ाकू मिशन पूरे किए, जिससे पूरा देश प्रभावित हुआ। यह राकेश शर्मा के IAF करियर का एक बड़ा क्षण था, जिसने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पायलटों में से एक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को मजबूत किया।

जब राकेश शर्मा को अंतरिक्ष में जाने का मिला मौका

यह 1982 की बात है, जब सोवियत-इंडियन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम इतिहास बनाने के लिए पूरी तरह तैयार था। राकेश शर्मा उन अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थे, जो अंतरिक्ष में गए थे। Soyuz T-11 के अंदर राकेश के अलावा दो सोवियत अंतरिक्ष यात्री थे, जो उन्हें अंतरिक्ष तक ले गए।

यह सोवियत और भारत दोनों के अंतरिक्ष इतिहास में एक बड़ा क्षण था। मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कड़ी ट्रेनिंग लेने के बाद राकेश ने सभी आवश्यक टेस्ट पास किए और अंतरिक्ष में गए।

राकेश शर्मा का परिवार

राकेश शर्मा की शादी मधु नाम की महिला से हुई है। इस जोड़े के दो बच्चे हैं, एक बेटा जिसका नाम कपिल और एक बेटी जिसका नाम कृतिका है। राकेश शर्मा के बच्चों के संबंधित बिजनेस के बारे में बात करें, तो जहां उनका बेटा एक फिल्म निर्माता और अभिनेता है, वहीं उनकी बेटी एक मीडिया आर्टिस्ट हैं।

तमिलनाडु के एक गांव में राकेश शर्मा जी रहे सादगी भरी जिंदगी

राकेश शर्मा ने कभी भी अपने लिए लाइमलाइट या लगातार स्पॉटलाइट की मांग नहीं की। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वह इन सबके लायक नहीं है। अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय को मीडिया ने भुला दिया और दशकों तक उनके और उनके निजी जीवन के बारे में कुछ भी रिपोर्ट नहीं किया गया।

सौभाग्य से जुलाई 2023 में राकेश शर्मा की एक तस्वीर इंटरनेट पर आ गई, जिसके बाद यह बताया गया कि वह तमिलनाडु के एक गांव में सादगी भरा जीवन जी रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, राकेश अपनी पत्नी मधु के साथ कुन्नूर में एक शांतिपूर्ण निजी जीवन का आनंद ले रहे हैं और वह इसे ऐसे ही रखना पसंद करते हैं।

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