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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र शुरू हुआ और उसी वक्त विधानसभा रोड पर आमासिवनी के पास फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के मुद्दे को लेकर लगभग एक दर्जन युवाओं ने नग्न होकर सड़क पर प्रदर्शन किया। वे फर्जी जाति प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने वालों का विरोध कर रहे थे, और आरक्षित वर्ग के जनप्रतिनिधियों से चुप्पी तोड़ने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने खबर मिलते ही इन सबको हिरासत में ले लिया।

इस मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया। CM भूपेश बघेल ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बुलाकर जवाब तलब किया।

छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिये सरकारी नौकरी हासिल करने के सैकड़ों मामले हैं, जिनमे शिकायतें हुईं और उनकी जांच भी हुई है। सरकार ने कार्रवाई के आदेश भी दिए मगर अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार का आदेश महज खानापूर्ति साबित हुआ है।

आमरण अनशन किया पर नहीं दिया ध्यान

अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला संघर्ष समिति का आरोप है कि सरकारी आदेश को पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिर्पोट को न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग हैं जो सरकारी फरमान का पालन नहीं होने का मौज कर रहे हैं और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाएं दे रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और पिछले दिनों वे आमरण अनशन पर बैठ गए, प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी की तबियत बिगड़ गई लेकिन प्रशासन का रवैया उदासीन रहा जिसके बाद आंदोलनकारियों ने आमरण अनशन को स्थगित कर मानसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया।

पुलिस हिरासत में प्रदर्शनकारी

अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला संघर्ष समिति के प्रमुख विनय कौशल के नेतृत्व में आज लगभग दर्जन भर युवाओं ने ऐलान के मुताबिक विधानसभा की ओर जाने वाले मार्ग पर तख्तियां लेकर नग्न अवस्था में दौड़ना शुरू कर दिया। वे विधानसभा की ओर आगे बढ़ते रहे। इस बीच इस प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जवानों ने काफी मशक्कत करके सभी युवकों को हिरासत में ले लिया।

जांच में मिले 267 फर्जी प्रकरण

छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र के शिकायतों की जांच करने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति का गठन किया। समिति को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक के कुल 758 प्रकरण मिले जिसमें से 659 प्रकरणों में जांच की गई इसमें 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए।

बहरहाल नग्न प्रदर्शन कर रहे इन युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, मगर इनके प्रदर्शन के इस तरीके की जमकर आलोचना हो रही है। प्रदर्शन के दौरान मार्ग से गुजर रहे लोगों ने इन्हें देखा तो इनकी नजरें शर्म से झुक गई। लोगों का कहना था कि विरोध का तरीका दूसरा भी हो सकता था। बता दें कि इससे पहले भी इस तरह का नग्न प्रदर्शन रायपुर कलेक्ट्रेट के पास भी कुछ युवाओं ने किया था, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

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