मुंबई। मुंबई में महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी 15,000 करोड़ रुपये की कथित जुए और साइबर धोखाधड़ी की प्राथमिकी की जांच का जिम्मा मुंबई अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता को देखते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर ने इसे अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया।

सट्टा मामले में 32 लोगों पर है FIR

पुलिस ने इससे पहले कहा था कि 2019 से धोखाधड़ी करने के आरोप में ऐप के ‘‘प्रवर्तक’’ सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी और अन्य सहित 32 लोगों के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में मुंबई के माटुंगा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों ने लोगों से करीब 15 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया कि फॉरेंसिक विश्लेषण और एक ‘‘कैश कूरियर’’ द्वारा दिए गए बयान से चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है।

बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुभम सोनी का एक वीडियो जारी किया जिसमें सोनी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह ऐप का मालिक है और उसके पास छत्तीसगढ़ के मुख्य भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का ‘‘सबूत’’ है।हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

सट्टेबाजी के 22 ऐप्स को किया गया ब्लॉक

वहीं केंद्र ने ईडी के अनुरोध पर पांच नवंबर को महादेव ऐप सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के खिलाफ अवरुद्ध आदेश जारी किए। सट्टेबाजी के 22 अवैध ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई ईडी द्वारा एक अवैध सट्टेबाजी ऐप गिरोह के खिलाफ की गई जांच और छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप के संबंध में छापेमारी के बाद हुई है।

अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऐप के संबंध में कम से कम 75 प्राथमिकी दर्ज की है और ईडी भी मामले की जांच कर चुकी है।

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