आगरा। आगरा के 15 डॉक्टरों के नाम पर 449 हॉस्पिटल और लैब पंजीकृत हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि यह सभी स्थानों पर फुल टाइम सर्विस देने का दावा भी करते हैं। हद तो यह है कि मेरठ, कानपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में एक ही डॉक्टर के नाम पर लगभग 83 अस्पताल पंजीकृत हैं। जब अस्पताल और क्लीनिक के लाइसेंस नवीनीकरण आवेदनों की जांच की गई तब इसका खुलासा हुआ।
मामले की जांच करने वाले अधिकारियों के मुताबिक आगरा और उसके आसपास लगभग 449 चिकित्सा सुविधाओं को 15 डॉक्टरों द्वारा ‘अवैध रूप से सेवा’ देते पाया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इन डॉक्टरों को नोटिस भेजा गया है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
इस तरह घोटाला हुआ उजागर
सूत्रों के मुताबिक, जो लोग चिकित्सक नहीं हैं, वे स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब संचालित करने के लिए डॉक्टर के नाम से लाइसेंस प्राप्त कर लेते हैं। इस साल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के आदेश के बाद घोटाला सामने आया। आरोपी चिकित्सकों की लिस्ट में हृदय रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और सर्जन शामिल हैं।
इतने डॉक्टर किये गए चिन्हित
स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 15 डॉक्टर चिह्नित किए हैं, जिनके नाम से 449 अस्पताल-पैथोलॉजी लैब पंजीकृत मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 2022-23 के दौरान 1,269 चिकित्सा केंद्र पंजीकृत किए गए थे। इनमें से 494 अस्पताल, 493 क्लीनिक, 170 पैथोलॉजी लैब, 104 डायग्नोस्टिक सेंटर, सात सैंपल कलेक्शन सेंटर और एक डायलिसिस सेंटर थे।स्वास्थ्य विभाग ने अब तक साल 2023-24 के 570 अस्पतालों व क्लीनिकों के पंजीयन आवेदनों के सत्यापन के बाद नवीनीकरण कराये हैं।
इस डॉक्टर के नाम 65 अस्पताल पंजीकृत
स्वास्थ्य विभाग की जांच में डॉ. मनीष कुमार वार्ष्णेय के नाम से 65 अस्पताल पंजीकृत मिले हैं। आगरा में इस नाम से सात अस्पताल चल रहे हैं। ऐसे ही डॉ. राजेश कुमार के नाम से 52 अस्पताल पंजीकृत मिले और आगरा में पांच हैं। डॉ. अशोक कुमार के नाम से 37 हैं। इसमें से आगरा में छह अस्पताल पंजीकृत हैं।
जानकारियां दी आधी-अधूरी
अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग मामलों में, लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने वाले अस्पतालों और क्लीनिकों ने प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ, अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन और चिकित्सा अपशिष्ट के निपटान से संबंधित आवश्यक विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। बेड क्षमता और अन्य सुविधाओं के बारे में दी गई जानकारी भी संदिग्ध है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आगरा) के अध्यक्ष डॉ ओपी यादव ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। हम ऐसी प्रथाओं की निंदा करते हैं और आवश्यक कदम उठाने में स्वास्थ्य विभाग का समर्थन करेंगे। सरकार को ऐसे केंद्रों और उनसे जुड़े चिकित्सकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नीचे इन डॉक्टरों की सूची उपलब्ध है :
चिकित्सक का नाम | पंजीकरण अस्पताल |
डॉ. मनीष कुमार वार्ष्णेय | 65 |
डॉ. राजेश कुमार | 52 |
डॉ. अमित कुमार | 43 |
डॉ. बालेंद्र सिंह सोढी | 38 |
डॉ. अशोक कुमार गुप्ता | 37 |
डॉ. अशोक कुमार | 32 |
डॉ. रविंद्र कुमार सिंह | 34 |
डॉ. अनिल कुमार | 24 |
डॉ. सुनील कुमार | 22 |
डॉ. अरुण कुमार | 21 |
डॉ. विनोद कुमार | 19 |
डॉ. अनुराग सिंह | 18 |
डॉ. अरविंद कुमार | 17 |
डॉ. जुनैद अहमद | 14 |
डॉ. वीर सिंह | 13 |