दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों लाखों-करोड़ों के काम फाइलों में निपटने के किस्से अक्सर सुनाये जाते हैं। इस बार तो एक ऐसा मामला दंतेवाड़ा में सामना आया है जिसमें जिला पंचायत में CEO रहे IAS अफसर का फर्जी दस्तखत कर जिला समन्वयक ने 78 लाख रुपयों का वारा-न्यारा कर लिया। यह मामला उजागर होने के बाद अधिकारियों के बीच अफरा-तफरी मची हुई है।
स्वच्छ भारत मिशन के मद में किया गोलमाल
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक देवेंद्र झाड़ी ने तत्कालीन सीईओ IAS आकाश छिकारा और लेखा पाल के फर्जी हस्ताक्षर कर 78 लाख रुपए से अधिक राशि निकाल ली। यह मामला दो साल पहले का है और जिला पंचायत के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। अब जब अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं कोतवाली पुलिस ने आईपीसी 420, 468, 471 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है। फिलहाल आरोपी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
इस तरह किया फर्जीवाड़ा
जिला पंचायत में कार्यालीन खाता क्रमांक 3575460495 से समूह मेसर्स गंगा वाटर स्व सहायता समूह, दंतेवाड़ा को राशि 18 लाख 44 हजार 806 रुपए दिए गए। इसी तरह दूसरे चेक से इसी समूह को 59 लाख 77 हजार 285 रुपए दिए गए। जांच बाद बताया गया कि इस चेक में तत्कालीन सीईओ आकाश छिकारा के फर्जी हस्ताक्षर और लेखापाल के हस्ताक्षर किए गए हैं।
समूह का कोई भी रिकॉर्ड नहीं विभाग के पास
जिस मेसर्स गंगा वॉटर के खाते में पैसा जारी किया गया उसे जिला पंचायत के अधिकारी समूह बता रहे हैं। इस समूह के विषय में उनके पास कोई भी जानकारी नहीं है। सूत्र बताते हैं ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी आहरण हुआ है। हालांकि इसकी अभी जांच की जा रही है, और भी खुलासे हो सकते हैं।
इस प्रकरण की जांच की गई तो चेकबुक, पासबुक, कैश बुक व अन्य दस्तावेज देवेंद्र झाड़ी के पास थे। जांच के बाद झाड़ी को बर्खास्त कर दिया गया। मामले की गहराई से जांच हुई तो फर्जी हस्ताक्षर कर चेक से पैसा निकालने का मामला भी सामने आया। जिला पंचायत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि DMF से भी स्वच्छ भारत मिशन का कार्यक्रम चलाया गया। बैंक में जमा राशि का ब्याज का पैसा है। खातों को खंगाला गया तो गंगा वॉटर एस एच जी दंतेवाड़ा के खाते में पैसा गया है, लेकिन सूमह को NRLM में पता किया गया तो वहां यह समूह रजिस्टर्ड ही नहीं है। इतना ही नहीं इस समूह से जुड़े कोई दस्तावेज भी स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक के कार्यालय में नहीं मिल रहे है।
चेक पर अधिकारियों के हस्ताक्षर फर्जी
तेवाड़ा जिला पंचायत के CEO कुमार विश्वरंजन ने कहा कि मृतक गंगा वॉटर समूह के खाते में फर्जी हस्ताक्षर कर राशि ट्रांसफर किया गया है। इस सबंध में तत्कालीन अधिकरियों से भी बात की गई है। उनका कहना है चेक पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, दन्तेवाड़ा कुमार विश्वरंजन द्वारा एक लिखित आवेदन थाने में देकर FIR दर्ज करवाई गई है।
समूह की सदस्य है आरोपी की पत्नी
जिला पंचायत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फर्जी समूह की भी जांच की जा रही है. इस समूह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। फिलहाल इतनी जानकारी मिली है कि देवेंद्र झाड़ी की पत्नी भी इस समूह की सदस्य है। पत्नी के बारे में यह भी बताया जाता है कि वह पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आदिम जाति कल्याण विभाग में नौकरी करती थी। जब जांच हुई तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। यह भी बताया जा रहा है कि देवेंद्र झाड़ी ने दो शादियां की है।