नई दिल्ली। सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कुछ महिला कर्मियों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप में सीआरपीएफ के डीआईजी खजान सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया।

राष्ट्रपति कार्यालय से 30 मई को उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और सीआरपीएफ के पूर्व खेल अधिकारी खजान सिंह के खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया था। आदेश में कहा गया है कि सेवा से बर्खास्तगी 31 मई से प्रभावी है। बर्खास्तगी का अंतिम आदेश सीआरपीएफ की ओर से पिछले कुछ महीनों में गृह मंत्रालय और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से अनुमोदित दो कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद आया। बल के पश्चिमी क्षेत्र के तहत नवी मुंबई में तैनात सिंह ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से इन्कार किया था और दावों को झूठे और बेबुनियाद बताए।

जांच में हुए दोषी साबित…

खजान सिंह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के मुख्य खेल अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, जब उन पर साल 2021 में दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था।

सीआरपीएफ ने उन पर लगे आरोपों की जांच में उन्हें दोषी पाया था। सीआरपीएफ मुख्यालय ने पहले एक आंतरिक समिति की ओर से तैयार की गई जांच रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था और उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए इसे यूपीएससी और गृह मंत्रालय को भेज दिया था। सिंह को दो मामलों में आरोपों का सामना करना पड़ा।

अर्जुन पुरस्कार प्राप्त तैराकी चैंपियन हैं खजान सिंह

बता दें कि खजान सिंह एक पूर्व राष्ट्रीय तैराकी चैंपियन हैं और उन्हें 1984 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद सीआरपीएफ ने सिंह को साल 2021 में सेवा से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, सिंह ने तब इन आरोपों को ‘बिल्कुल गलत’ बताते हुए इनका खंडन किया था।

ज्ञात हो कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा शुरू की गई आंतरिक जांच में सिंह को दोषी पाया गया था। जिसके निष्कर्षों के आधार पर संघ लोक सेवा आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिंह को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। जिसे मंत्रालय द्वारा स्वीकार करने के बाद सिंह को ये नोटिस जारी किए गए थे।

2021 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक कांस्टेबल ने सिंह पर यौन उत्पीड़न, बलात्कार और कई वर्षों तक उसे और अन्य महिला कांस्टेबलों को धमकी देने का आरोप लगाया था। कांस्टेबल ने आरोप लगाया था कि सिंह ने अपने अपराधों को अंजाम देने के लिए अपने पद, शक्ति और अर्धसैनिक बल में अन्य प्रशिक्षकों और अधिकारियों के समर्थन का इस्तेमाल किया।

फिल्म बनाने और ब्लैकमेल करने का भी आरोप

गौरतलब है कि एफआईआर में ये भी आरोप लगाया था कि खजान सिंह और उनके सहयोगी सुरजीत सिंह, दोनों सीआरपीएफ के भीतर एक सेक्स स्कैंडल चलाते हैं और इनके कई साथी हैं। वे महिला कॉन्स्टेबल का यौन उत्पीड़न करते हैं। कांस्टेबल ने अधिकारियों पर गुप्त रूप से फिल्म बनाने और उसकी तस्वीरों के साथ उसे ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया था।

उन्होंने ये भी कहा था कि 2014 में महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) से एक आधिकारिक शिकायत की थी, लेकिन आरोपी ने उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया। सीआरपीएफ, लगभग 3.25 लाख कर्मियों वाला मजबूत बल है, जिसने पहली बार 1986 में लड़ाकू रैंकों में महिलाओं को शामिल किया था।

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