रायपुर। सेंट्रल जीएसटी के फेक इनवॉइस सेल के अधिकारियों ने 13 फर्जी फर्मों के एक नेटवर्क का खुलासा किया है। जो वस्तुओं और/या सेवाओं की किसी भी प्रकार की आपूर्ति किए बिना केवल फर्जी चालान बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे।तलाशी की कार्यवाही के दौरान बड़ी संख्या में आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटोग्राफ, हस्ताक्षरित चेक बुक, मोबाइल के साथ-साथ कई अन्य आपतिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
ऐसे पकड़ में आई गड़बड़ी
बताया गया है कि सभी फर्जी फर्मों के जीएसटी रिटर्न एक ही आईपी एड्रेस से दाखिल किए जा रहे है। जांच से यह पता चला कि रायपुर निवासी हेमंत कसेरा इन फर्जी फर्मी को बनाने और चलाने के मामले में मास्टरमाइंड है। तथ्यों और सबूतों के साथ पूछताछ करने पर, मास्टरमाइंड हेमंत कमेरा ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने के उद्देश्य से फर्जी फर्मों का एक समूह बनाने की बात स्वीकार की। और यह भी स्वीकार किया कि उसने फरवरी 2024 तक 62.73 करोड़ रुपये की राशि का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्राप्त किया है और उसने आगे अन्य टैक्सपेयर्स को 51.42 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास आन किये हैं।
सेंट्रल जीएसटी के हेमंत को किया गिरफ्तार
कैद्रीय जीएसटी टीम द्वारा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत कल 3 अप्रैल को हेमंत कसेरा को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट से न्यायिक हिरासत मंजूर किया। इस मामले में आयुक्त, सीजीएसटी, रायपुर मो. अबु सामा ने बताया कि सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरी के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई की है। इन गिरफ्तारियों के जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी, रायपुर आयुक्तालय द्वारा अब तक गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।
गहन जांच से हुआ गड़बड़ी का खुलासा
विशेष खुफिया जानकारी और डाटा विश्लेषण के आधार पर यह पता चला कि जीएसटी के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लेने एवं आगे पारित करने के लिए कई फर्जी फर्म बनाई गई हैं। व्यापक निगरानी के बाद उस स्थान की पहचान की गई जहां से संदिग्ध गतिविधियां संचालित हो रही थी।