चेन्नई। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी संथन उर्फ सुथेन थिराजा की मौत हो गई। उसने बुधवार को चेन्नई के ‘राजीव गांधी सरकारी अस्पताल’ में अंतिम सांस ली। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सुबह 7:50 बजे संथन ने अंतिम सांस ली। वो लिवर फेलियर के साथ क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस से पीड़ित था। सूत्रों के मुताबिक, उसे 27 जनवरी को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया गया था।
सांसें लौट आईं, मगर वेंटिलेटर पर थे…
राजीव गांधी सरकारी अस्पताल के डीन ई थेरानिराजन ने कहा, संथन को बुधवार सुबह करीब 4 बजे कार्डियक अरेस्ट हुआ, लेकिन सीपीआर प्रक्रिया के बाद उसकी सांसें फिर से लौट आई थी और उसे ऑक्सीजन दिया गया और वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। हालांकि, संथन पर इलाज का कोई असर नहीं हुआ और आज सुबह 7.50 बजे उसकी मौत हो गई।
पीएम के बाद श्रीलंका भेजा जायेगा शव
उन्होंने कहा, ‘पोस्टमार्टम कराया जाएगा…शव को श्रीलंका भेजने के लिए कानूनी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संथन को गंभीर हालत में राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संथन (55) को तिरुचि के महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल से यहां रेफर किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट दोषियों को किया था रिहा
11 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के अगले दिन संथन, नलिनी, श्रीहरन, रॉबर्ड पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को 32 साल बाद जेल से रिहा किया गया था।
इस वजह के चलते रखा गया था सेल में
इस रिहाई के दौरान एक पेंच फंसा था। नलिनी और रविचंद्रन को अपने परिवार के पास मिलने की इजाजत दी गई थी, लेकिन बाकी चार को त्रीची सेंट्रल जेल के स्पेशल कैंप में रखा गया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि यह चारों श्रीलंका के नागरिक थे।
संथन ने सेल से लिखा था एक खत
उस वक्त संथन ने त्रीची जेल के स्पेशल कैंप में मौजूद अपने सेल से खुला पत्र लिखा था। लेटर में संथन ने लिखा था कि वो वह धूप तक नहीं देख सकता। अपने पत्र के माध्यम से उसने विश्व के तमिलों से आवाज उठाने की अपील की थी। जिससे वो अपने देश लौट सके।
देश जाने की तैयारी थी, मगर…
चेन्नई में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने पिछले शुक्रवार को एक आदेश जारी किया था। जिसमें संथन उर्फ सुथेनथिराजा को श्रीलंका जाने की परमिशन दी थी, लेकिन हालत गंभीर होने के वजह से वो अपने देश नहीं जा सका था।