भुवनेश्वर। कटक की एक विशेष सतर्कता अदालत ने जाजपुर जिले के मधुबन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के एक पूर्व चिकित्सा अधिकारी, जो वर्तमान में भद्रक के जिला मुख्यालय अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, डॉ. करुणाकर राउत को कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई। डॉक्टर को रिश्वत मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने फैसला सुनाया कि जुर्माने का भुगतान न करने पर डॉ. राउत को पीसी अधिनियम 1988 की धारा 13(2)/7 के तहत अपराध के लिए 6 महीने की अवधि के लिए अतिरिक्त आरआई से गुजरना होगा.
बता दें कि राज्य टीम द्वारा एमडीए पर्यवेक्षण के दौरान कर्तव्य में अनुपस्थिति के लिए संविदा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के एवज में रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के लिए विशेष न्यायाधीश, सतर्कता द्वारा डॉ. राउत को दोषी ठहराया गया था। ओडिशा विजिलेंस अब डॉ. राउत को दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के पास जाएगी।