Npa arrest

कबीरधाम। सरकारी जमीन पर निजी विद्यालय का भवन बनाना स्कूल संचालक मंडल को महंगा पड़ गया। काफी जद्दोजहद के बाद इस मामले की न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई और नगर पंचायत पांडातराई अध्यक्ष फिरोज खान और कुछ पार्षद समेत 6 लोगों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।

यह मामला कुछ साल पहले तब प्रकाश में आया जब पूर्व के पांडातराई ग्राम पंचायत के सरपंच रहे शिव गुप्ता और त्रिलोचन सिंह ने गांव में संचालित डिवाइन स्कूल की जमीन को सरकारी बताकर कार्रवाई की मांग की। दरअसल यह स्कूल अजान शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति के माध्यम से चलाया जा रहा था और इसके संचालक मंडल में पांडातराई के नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान के आलावा उनके रिश्तेदार और अन्य लोग शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज किया गया।

कोटवारी जमीन पर दूसरी जमीन को सेट किया

जिस डिवाइन स्कूल के मामले में शिकायत की गई वहां की जमीन की जांच हुई और पाया गया कि जमीन वास्तव में सरकारी है और गांव के कोटवार के लिए आरक्षित की गई थी। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि इस जमीन को स्थानीय पार्षद भीषण तिवारी के निजी हक़ की भूमि बताते हुए उसका किरायानामा तैयार कर स्कूल की मान्यता हासिल कर ली गई, जबकि भीषण तिवारी की जमीन कहीं और स्थित है।

Fir के बाद भी कार्रवाई नहीं

मामले की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बावजूद आरोपियों के रसूखदार होने के चलते कोई भी कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते शिकायतकर्ताओं ने अजान शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति के 9 लोगो के खिलाफ परिवाद दायर कर दिया। न्यायालय के आदेश पर पांडातराई थाने में FIR दर्ज की गई मगर फिर भी कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते शिव गुप्ता और त्रिलोचन सिंह हाई कोर्ट की शरण में चले गए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट को मामले में विधिपूर्वक सुनवाई करने को कहा।

जमानत अर्जी निरस्त, भेजे गए जेल

हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में 16 जून को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में केस रजिस्टर्ड हुआ। इसके बाद 20 जुलाई को मामले की पहली सुनवाई हुई जिसमे सभी 9 आरोपियों को उपस्थित होने के लिए सम्मन जारी किया गया था। मगर कुल 6 लोग उपस्थित हुए। न्यायालय ने इन सभी की जमानत अर्जी निरस्त करते हुए सभी को जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया।

जेल भेजे गए लोगों में नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान, नूरी खान, पार्षद भीषण तिवारी, बिनोद गुप्ता, भीषम गुप्ता, राधेश्याम कोशले शामिल हैं। 3 अन्य आरोपी फारुख खान, वजीर खान और यूनुस खान कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, जिनकी गिरफ़्तारी अभी नहीं हुई है।

स्कूल के भविष्य को लेकर चिंता

कवर्धा जिले के पांडातराई नगर पंचायत क्षेत्र में बीते डेढ़ दशक से अजान शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति के माध्यम से स्कूल का संचालन किया जा रहा है। स्कूल की जमीन सरकारी निकली तब से स्कूल के भविष्य को लेकर लोग चिंतित हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि जब से मामले में पेंच फंसा समिति के लोगों ने इस स्कूल के लिए कहीं और भवन का निर्माण शुरू किया है। चूंकि बच्चों के भविष्य का मामला था इसलिए शिक्षा विभाग ने भी विद्यालय की मान्यता फ़िलहाल रद्द नहीं की है। बहरहाल इस फर्जीवाड़े में अदालती कार्रवाई शुरू होने और नगर पंचायत सहित अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद आगे क्या होगा यह अदालत और शिक्षा विभाग के फैसले पर टिका हुआ है।

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