गौरेला पेंड्रा मरवाही। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ आदिवासी नेता और छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। साय इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ मरवाही सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।
नंदकुमार साय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि पार्टी उन्हें मरवाही विधानसभा से खड़ा करती है तो वे पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ेंगे। नंदकुमार साय ने यहां औद्योगिक विकास निगम से संबंधित बैठक ली लेकिन इस बहाने उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं का मन भी टटोला।
तब और अब में फर्क
नंद कुमार साय 20 साल पहले भी मरवाही से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तब और अब की स्थिति में फर्क है। जैसा साय कहते आए हैं कि भाजपा के नेताओं ने षडयंत्र पूर्वक उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ मैदान में उतारा था ताकि वे चुनाव हार जाएं और भाजपा का बहुमत आने पर वे मुख्यमंत्री पद का दावा न कर सकें। 2003 के चुनाव परिणाम में यही हुआ। साय को उस चुनाव में केवल 22119 वोट मिले थे और वे जोगी से 54150 वोटों के ऐतिहासिक अंतर से परास्त हो गए थे। भाजपा में रहने के दौरान नंदकुमार साय लगातार आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग करते रहे थे।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद साय कह चुके हैं कि वे 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि वे सरगुजा जिले की किसी सीट से लड़ना चाहेंगे। मरवाही सहित उन सभी सीटों पर जहां साय चुनाव लड़ना चाहते हैं, सन 2018 में कांग्रेस की जीत हुई थी। मरवाही के भी उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। यदि साय की इच्छा पूरी की जाती है तो किसी न किसी मौजूदा विधायक की टिकट काटनी पड़ेगी।
उप मुख्यमंत्री बनने से चुनाव में फायदा
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने और सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर साय ने कहा कि, इससे चुनाव में फायदा होगा। ढाई-ढाई साल का जो विवाद था, वह भी इसकी एक वजह थी। पीएम के लगातार हो रहे दौरे को लेकर कहा कि, प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ से बहुत प्रेम हो गया है। उन्होंने कहा कि, प्रदेश में बीजेपी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इससे पहले प्रेस क्लब पहुंचे कैबिनेट मंत्री नंद कुमार साय ने पंडित माधव राव सप्रे की प्रतिमा पर माल्यर्पण किया। पत्रकारों से चर्चा के बाद साय अमरकंटक रवाना हो गए।