रायपुर। भाजपा रायपुर संभाग प्रभारी एवं विधायक सौरभ सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा कि गोबर खरीदी में कैसे भ्रष्टाचार हुआ है, यह प्रदेश सरकार के आंकड़ों से ही पता चल रहा है। यह आंकड़ा मुख्यमंत्री से लेकर जनसंपर्क विभाग तक को भी मालूम है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश सरकार ने 246 करोड़ रुपए की गोबर खरीदी की तो यह गोबर सरकारी संपत्ति हो गया क्योंकि गोधन न्याय योजना में सरकार का पैसा लगा, बजट का पैसा लगा है।

सदन में गलत जवाब देने का आरोप

सौरभ सिंह ने प्रदेश सरकार से सवाल किया कि जब 246 करोड़ का गोबर सरकार ने खरीदा तो उस गोबर का क्या बना कर बेचा और उसकी कितनी कीमत मिली? इसके जवाब में मंत्री का जवाब आया कि हमने 86 लाख रुपए का ही सामान बेचा है और इसके बारे में भाजपा ने हिसाब लगाया तो 17 करोड़ रुपए की बिक्री का तथ्य सामने आया। प्रदेश सरकार द्वारा दिया गया जवाब ही गलत था।

गोबर का सही हिसाब मौजूद नहीं

सौरभ सिंह ने कहा कि अगर हिसाब लगाया जाए तो 246 करोड रुपए में से 17 करोड़ रुपए घटा दें तो 229 करोड़ रूपए बचता है, जिसका हिसाब प्रदेश सरकार के पास नहीं है। गोबर खरीदी करने के बाद उसको वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर या पेंट बनाकर बेचा गया तो उसका वैल्यू ऑडिशन किया गया। दो रुपए किलो में गोबर खरीदने के बाद उसको 10 रुपए किलो की दर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर बेचते हैं। 10 रुपए किलो की दर से वर्मी कंपोस्ट खाद बेच रहे हैं तो उसके बाद भी टोटल रिलाइजेशन हो रहा है, वह केवल 17 करोड़ रुपए का हो रहा है। तो 229 करोड रुपए कहां गया? वह गोबर है कहां? अगर आपने 229 करोड़ रुपए का सामान नहीं बेचा तो निर्मित सामान कहां-कहां पर है? किस-किस गौठान में हैं? कितना पेंट स्टॉक है? यह प्रदेश सरकार को बताना चाहिए। लेकिन इसका जवाब भी प्रदेश सरकार के मंत्री नहीं दे पा रहे हैं।

वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता भी ख़राब

सौरभ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाए जा रहे वर्मी कंपोस्ट खाद की कोई क्वालिटी नहीं है। 246 करोड़ रुपए भुगतान करने के बाद केवल 17 करोड़ रूपए का सामान सरकार ने बेचा है, बाकी 229 करोड़ रुपए का हिसाब प्रदेश सरकार नहीं दे पा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में 229 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।

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