रायपुर। आदिवासी बाहुल्य सुकमा जिले के एक ‘पोटा केबिन’ स्कूल में पहली कक्षा की एक छात्रा के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किए जाने के मामले में पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जाँच टीम गठित कर दी गई है, वहीं मंत्री कवासी लखमा ने हॉस्टल के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित गांवों में स्थापित पूर्व-निर्मित संरचना वाले आवासीय स्कूल ‘पोटा केबिन’ कहलाते हैं। पुलिस ने घटना की जांच के लिए सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौरव मंडल के नेतृत्व में आठ सदस्यीय दल का गठन किया है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण जी चव्हाण के मुताबिक, पुलिस को जानकारी मिली है कि कथित घटना 22 जुलाई की रात को हुई, जब छात्रा एर्राबोर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित एक पोटा केबिन स्कूल के छात्रावास में सो रही थी। चव्हाण के अनुसार, इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद सोमवार को मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि पीड़िता की उम्र लगभग सात साल है और वह कक्षा एक की छात्रा है। छात्रा ने रविवार को अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने पोटा केबिन छात्रावास के अधीक्षक को इसकी जानकारी दी।
चव्हाण ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा) गौरव मंडल की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें बाल अपराध अन्वेषण शाखा की उप पुलिस अधीक्षक पारुल खंडेलवाल भी शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले में जांच के बाद आगे की वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। मंत्री कवासी लखमा ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
दो को कर दिया गया निलंबित
पोटाकेबिन के जिम्मेदारों ने तीन दिन तक इस मामले को गुप्त रखा था। जिसके बाद पोटा केबिन अधीक्षिका हीना खान एवं सहायक अधीक्षिका सविता वर्मा को इस घटना की सूचना उच्च कार्यालय को नहीं देने के कारण तत्काल प्रभाव से हटाकर निलंबित किया गया।