0 TRAI ने डेटा नहीं इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए सस्ते रिचार्ज प्लान के लिए कहा
0 टेलीकॉम कंपनियों ने किया फैसला का विरोध
नई दिल्ली। भारत के दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) ने टैरिफ नियमों में संशोधन किया है। इस संशोधन के साथ मोबाइल सर्विस प्रोवाइर्स को केवल वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए रिचार्ज प्लान पेश करने का आदेश दिया है, जिसमें इंटरनेट डेटा खरीदने की बाध्यता नहीं रहे। नए नियमों का उद्देश्य उन ग्राहकों को बेहतर ऑप्शन देना है जो मोबाइल डेटा का इस्तेमाल नहीं करते हैं। साथ ही अब स्पेशल रिचार्ज कूपन की वैलिडिटी को वर्तमान 90 दिनों की सीमा से बढ़ाकर अधिकतम 365 दिन करने को कहा गया है।
आज भी करोड़ों लोग अब भी पुराने फीचर फोन पर निर्भर
ट्राई ने बताया कि दूरसंचार ऑपरेटरों ने ही आंकड़ा दिया है कि भारत में लगभग 150 मिलियन ग्राहक अभी भी फीचर फोन पर निर्भर हैं। ये दर्शाता है कि नॉन-डेटा-स्पेसिफिक रिचार्ज ऑप्शन्स की जरूरत है। इस बदलाव से भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से को लाभ मिलने की उम्मीद है। खास तौर पर करीब 150 मिलियन 2G यूजर्स, डुअल-सिम ओनर्स, बुजुर्ग व्यक्ति और ग्रामीण निवासियों को इसका फायदा होगा। इस कदम से उपभोक्ताओं को केवल उन्हीं सेवाओं के लिए भुगतान करने की अनुमति मिलती है जिनकी उन्हें ज़रूरत है, न कि उन डेटा पर अतिरिक्त खर्च करने की जो वे इस्तेमाल नहीं करते हैं।
टेलीकॉम कंपनियों ने इस तरह किया विरोध
ट्राई का कहना था कि ऐसे टैरिफ पैक्स लाए जाएं जो केवल वॉयस और SMS के लिए होने चाहिए। इसका भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि ये स्टेप टेलीकॉम को काफी पीछे ले जाएगा। क्योंकि इससे 4G/5G अपग्रेड भी धीमा पड़ जाएगा और इससे 2G यूजर्स को फास्ट डेटा मिलना भी संभव नहीं हो पाएगा। क्योंकि ऐसे पैक्स में केवल वॉयस और SMS की सुविधा नहीं दी जाएगी।
टेलीकॉम अधिकारी क्या कहते हैं…
टेलीकॉम कंपनियों ने TRAI के इस स्टेप को पीछे कर देने वाला बताया है। क्योंकि अभी तक यूजर्स को अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की सुवधा दी जाती है, लेकिन ये पॉलिसी आने के बाद यूजर्स से कॉलिंग के लिए चार्ज किया जाएगा। वरिष्ठ टेलीकॉम एग्जीक्यूटिव का कहना है कि ‘अभी तक, टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से डेटा पैक के साथ ही फ्री में सर्विस दी जाती है। लेकिन एक बार वॉयस और SMS पैक आने के बाद यूजर्स से कॉलिंग के लिए चार्ज किया जाएगा। क्योंकि इनमें डेटा की जगह वॉयस और SMS के लिए चार्ज किया जाता है।’
2G यूजर्स की मिलेगी काफी मदद
सेक्टर रेगुलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वह अलग स्पेशल टैरिफ वाउचर लेकर आएं। 30 दिनों के लिए वॉयस और SMS पैक लेकर आएं। ये 2G यूजर्स की मदद करेगा क्योंकि इससे वह अनचाहा डेटा नहीं खरीदेंगे। TRAI अधिकारियों ने कहा, ये भारत के 2G यूजर्स की काफी मदद करेगा। डुअल सिम ऑनर और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले यूजर्स के लिए मददगार साबित होने वाला है। क्योंकि उन्हें न चाहकर भी ऐसा पैक खरीदना पड़ता है जिसमें डेटा की सुविधा मिलती हो। यानी कुल मिलाकर सस्ते प्लान की डिमांड की जा रही है।
दूरसंचार कंपनियों का ये है प्लान
जहां ट्राई की पहल उपभोक्ता की पसंद को प्राथमिकता देती है। लेकिन, ये रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों द्वारा यूजर्स को 2G से 4G या यहां तक कि 5G में माइग्रेट करने के आक्रामक प्रयास के विपरीत है। ये कंपनियां बंडल प्लान के जरिए अपने एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जिसमें अनलिमिटेड डेटा और वॉयस सर्विसेज शामिल हैं।
रिलायंस जियो ने पहले 2G टेक्नोलॉजी को भारत के डिजिटल ग्रोथ में बाधा बताया था। चार साल पहले, जियो ने पॉलिसी मेकर्स से 2G सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया था। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया कि 5G अपनाने की प्रक्रिया में तेजी आने से 4G क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे टेलीकॉम कंपनी बचे 2G यूजर्स को अपने 4G नेटवर्क की ओर आकर्षित करने में सक्षम होगी।
विदेशों में ग्राहकों की इच्छा मुताबिक पैक
बताते चलें कि दूसरे देशों में उपभोक्ताओं को फायदा दिलाने वाले और उनकी इच्छा के मुताबिक रिचार्ज प्लान चलते हैं, जैसा कि भारत में ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है। मगर केवल अपना फायदा देखने वाली भारत की टेलीकॉम कंपनियां ऐसा नहीं करना चाहतीं और तर्क दे रही हैं कि ऐसा करने से सरकार के डिजीटल इण्डिया का लक्ष्य कभी पूरा नहीं हो सकेगा। बहरहाल देखना यह है कि ट्राई के आदेश का ये कंपनियां पालन करती हैं या नहीं और ऐसा करने पर ट्राई कड़ा रुख अपनाएगा या नहीं यह देखना अभी बाकी है।