0 पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजा देने की मांग

रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों ने कसडोल के ग्राम छरछेद का दौरा कर जादू टोना के संदेह में प्रताड़ित परिवार से जाकर मुलाकात की, उन्हें सांत्वना दी तथा ढाढस बंधाया। समिति की टीम में अध्यक्ष डॉ.दिनेश मिश्र, डॉ. शैलेश जाधव, डॉ. एच. के एस गजेंद्र शामिल रहे। समिति के सदस्य कसडोल के छरछेद जाकर केवट परिवार से मिले, जहां पिछले सितंबर में चार सदस्यों की हत्या जादू टोने के संदेह में कर दी गई थी, जिसमें से एक मृतक 11 माह का मासूम बच्चा भी था।

जिसे टोनही बताया था वह खुद है बीमार..!

उक्त परिवार की वरिष्ठ सदस्य मोगरा बाई केवट जिस पर जादू टोना करके बीमार करने का शक किया जा रहा था, समिति ने उससे व उसकी बेटी चार बाई से बातचीत की। मोगरा बाई बताया कि वह तो खुद के इलाज के लिए गांव से बाहर गई थी। इस बीच पड़ोस के छह लोगों ने आकर उनके परिवार के सदस्यों पर घातक हमला किया, जो घर के एक कमरे में बैठे हुए थे, हमलावर द्वारा पत्थर तोड़ने के घन और घातक हथियारों से किए गए वार से सभी सदस्यों चेतराम, जमुना बाई केवट, यशोदा बाई केवट और एक साल के बच्चे की मृत्यु हो गई। और जब वह अपना उपचार करने के बाद लौट कर आई, तब उसने देखा, घर में मजमा लगा हुआ था।

गांव में किसी से रंजिश नहीं, फिर भी असुरक्षित

मोगरा बाई की बेटी ने बताया उनके पूरे गांव में किसी भी व्यक्ति से कोई व्यक्ति गत परेशानी, रंजिश नहीं है और भी मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। इस प्रकार की घटना के होने से वे न केवल अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि अन्य आर्थिक समस्या भी पैदा हो गई है। और उन्हें अब तक शासन द्वारा घोषित मुआवजा भी प्राप्त नहीं हुआ है जिसकी सितंबर में घोषणा की गई थी।

ग्रामीणों को दी गई समझाईश

डॉ.दिनेश मिश्र ने वहां उपस्थित ग्रामीणों से कहा जादू टोने जैसी बातों का कोई अस्तित्व नहीं होताहै। किसी व्यक्ति को न ही जादू टोने से बीमार किया जा सकता है और न उसे किसी प्रकार के चमत्कार से ठीक किया जा सकता है। जादू टोना एक काल्पनिक मान्यता है, कोई महिला टोनही या डायन नहीं होती। यहां तो जिस महिला पर जादू टोने कर दूसरों बीमार करने का शक किया जा रहा है वह तो स्वयं बीमार है, उसमें अगर इतनी शक्ति होती तो वह खुद ही कभी बीमार नहीं पड़ती। वह तो खुद बीमार थी और अपने इलाज के लिए घर से बाहर निकली थी। अंधविश्वास में पड़ा पड़ोसी परिवार उसे ही सबक सिखाने निकला था और यह हत्याकांड हो गया। ग्रामीणों को इस प्रकार किसी भी अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए और कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए

तत्काल मुआवजा दे प्रशासन

डॉ. मिश्र ने राज्य शासन को पत्र लिख कर पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजा प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को इस संबंध में तुरंत कदम उठाना चाहिए। साथ ही यह सुरक्षित किया जाना चाहिए कि पीड़ित परिवार के बचे सदस्यों पर किसी भी प्रकार का हमला न हो पाए।

समिति के सदस्यों ने जनपद अध्यक्ष सिद्धांत मिश्र व ग्राम छरछेद के सरपंच भरतदास मानिकपुरी के साथ भी बातचीत की तथा कसडोल के ग्रामीण अंचल में अंधविश्वास के विरुद्ध एक जागरूक वातावरण बनाने के लिए चर्चा की। समिति के सदस्य ग्रामीण छात्र-छात्राओं और से भी मिले और अंधविश्वास के प्रति जागरूकता बढ़ाने के संबंध में चर्चा की।

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