रायपुर। रेंज साइबर पुलिस रायपुर ने बीते 4 माह की अवधी में 37 प्रकरणों में 250 बैंक अकाउंट्स में देश भर में 400 करोड़ से अधिक का फ्रॉड का खुलासा किया है। अब तक इन वारदातों में शामिल 28 ठग गिरफ्तार किए गए। इनके विरुद्ध भारत के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश के थानों/साइबर सेल में 7900 से अधिक रिपोर्ट दर्ज हैं। इनके 1500 से अधिक सिम, 250 मोबाइल नंबर पर सर्विस ब्लॉक कराने के साथ ही बैंक एकाउंट से 4 करोड़ रुपए होल्ड कराये गए साथ ही 2 करोड़ से अधिक संपत्ति जप्त की गई।
साइबर अपराध से बचाव के उपाय सुझाये
साइबर अपराध से बचाव हेतु रेंज रायपुर में अवेयरनेस प्रोग्राम एवं वॉलिंटियर्स के माध्यम से कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पुलिस ने सबसे अपील की है कि साइबर अपराधियों के झांसे में न आएं। अभी तक के दर्ज अपराध के आधार पर निम्नलिखित प्रकार की साइबर अपराध ज़्यादा घटित हो रही हैं। और इनसे बचने की जरुरत है।
A) शेयर ट्रेडिंग के फर्जी एप्लीकेशन के जरिए होने वाले ठगी का शिकार होने से बचने के लिए अत्यधिक लाभ प्राप्त करने के फेर में ना पड़ें।
B) डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान कानून में नहीं है, कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसी धमकी नहीं देती, वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करती है और ना ही पैसा की मांग करती है। अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है। साइबर अपराधियों के झांसे में ना आएं।
C) साइबर अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया के द्वारा गूगल में रिव्यू लिखने के नाम से पैसे कमाने का झांसा दिया जाता है जिसके चक्कर में पड़कर कई लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं, इससे सावधान रहें।
D) इसी प्रकार वर्क फ्रॉम होम के बहाने फ्रॉड हो रहे हैं जिसके माध्यम से साइबर फ्रॉडस्टर आपको घर बैठे पेंसिल पैकिंग या पीडीएफ फाइल को वर्ड में कन्वर्ट करने का आदि झांसा देकर काम निकलवा लेते हैं, उसके पश्चात किए गए कार्य में गलतियां बता कर पेनल्टी लगाने की बात पर पैसे की मांग की जाती है और पैसे ना देने पर कोर्ट में झूठा मुकदमा का पेपर तैयार कर फर्जी वारंट भेजा जाता है। जिससे घबराकर लोग आरोपियों को रूपये देने तैयार हो जाते हैं। किसी लालच में ना फंसे ना ही घबराएं। कभी भी कोई भी व्यक्ति आपको घर बैठे रुपए कमाने का अवसर नहीं देगा।
पुलिस को तत्काल सूचित करें
पुलिस ने अपील की है कि यदि आप किसी भी प्रकार के साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं तब तत्काल अपने नजदीकी पुलिस थाना में जाकर संबंधित मामले की एफआईआर दर्ज कराएं। पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज द्वारा रायपुर के समस्त पुलिस अधीक्षक एवं थाना-प्रभारियों को इस संबंध में निर्देशित किया गया है, कि यदि किसी भी प्रकार के साइबर अपराध की सूचना थाना पर प्राप्त होती है, तो तत्काल FIR दर्ज की जावे। अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम विवेचना हेतु रेंज साइबर थाना में प्रकरण भेजी जावे तथा साइबर अपराध के निराकरण हेतु विवेचना में आवश्यक सहयोग, निर्देशन भी दिया जा रहा है। यदि थाना में FIR दर्ज नहीं किया जाता तो पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय रेंज रायपुर में शिकायत की जा सकती है।