बलौदा बाजार। यहां कलेक्ट्रेट कार्यालय में हुई हिंसक घटना और आगजनी मामले में पुलिस ने अब तक 7 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए हैं। इसके अलावा 200 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तारी के लिए जिला और पुलिस प्रशासन CCTV और मीडिया द्वारा लिए गए वीडियो फुटेज का सहारा लिया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि घटना में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।
तिरंगे के बदले सफ़ेद ध्वज नजर आया..!
बलौदाबाजार में हिंसक भीड़ ने कलेक्ट्रेट व एसपी कार्यालय में आगजनी तो की ही साथ ही उन्होंने देश के संविधान व लोकतंत्र को चुनौती दे डाली। जिल में शासन के अंग व सरकार की प्रमुख इकाई माने जाने वाले कलेक्टर–एसपी कार्यालय में आगजनी के साथ ही तिरंगा झंडा उतार कर सफेद झंडा भी भीड़ ने लहरा दिया, यह सीधे-सीधे भारत के लोकतंत्र व संविधान को चुनौती है। हिंसा के बाद जिले में 16 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है।
इंटेलिजेंस फैलियर हुआ उजागर
कलेक्ट्रेट परिसर से निकलने के बाद आक्रोशित भीड़ ने रास्ते में पड़ने वाले दूसरे सरकारी दफ्तरों को नुकसान पहुंचाया। सबसे पहले जिला पंचायत के दफ्तर में भीड़ घुसी। पर हिंसा की खबर पाकर स्टाफ पहले ऑफिस छोड़ चुका था। तहसील परिसर में खड़ी गाड़ियों में भी जमकर तोड़फोड़ की। पूरी घटना में इंटेलिजेंस फैलियर सामने आई। यह इंटेलिजेंस की खामी ही थी कि हालात इस कदर बिगड़ने तक प्रशासन को भनक नहीं लगी। भीड़ के हाथों में लाठी डंडे व तलवार थे। साथ ही पेट्रोल बम भी लेकर वे पहुंचे थे। जिससे ऐसा लग रहा है कि अचानक भेड़ ने आक्रोशित होकर हमला नहीं कर दिया बल्कि यह पूरी तैयारी और प्लानिंग के साथ हुआ है।
पुलिस की 12 टीमें गठित
पुलिस कार्रवाई के बारे में स्थानीय मीडिया को जानकारी देते हुए बलौदाबाजार-भाटापारा के SP सदानंद कुमार ने बताया सोमवार की घटना के सिलसिले में सात अपराध दर्ज किए हैं। आगजनी में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस की 12 टीमें गठित की गई हैं, जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया है। इसके अलावा CCTV फुटेज, पुलिस द्वारा की गई विरोध-प्रदर्शन की वीडियोग्राफी और मीडियाकर्मियों सहित अन्य स्रोतों से प्राप्त वीडियो फुटेज के आधार पर मुख्य आरोपी और अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। पहचान होते ही उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। गिरफ्तारी अभी कई दिन चल सकती है।
दूसरे जिले की पुलिस से ले रहे हैं मदद
पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए हम पड़ोसी राज्य और अन्य जिलों के एसपी से संपर्क कर सहयोग ले रहे हैं। कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद इस संबंध में पूरी जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों के हमले में 45 से 50 पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई हैं, जिनमें से एक की हालत गम्भीर बताई जा रही है। जिसके बाद उसे बिलासपुर जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया से बात करते हुए जिले के कलेक्टर केएल चौहान ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार हिंसा के मामले में अबतक लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी आरोपियों का पता लगाने के लिए कार्रवाई जारी है।
प्रदेशभर से छुट्टी लेकर भी पहुंचे थे कामकाजी युवा
बलौदाबाजार में धरना प्रदर्शन के दौरान उग्र हुई भीड़ ने कलेक्टर-एसपी दफ्तर सहित पूरे कैंपस में करीब डेढ़ सौ गाड़ियों में आग लगा दी। तहसील दफ्तर भी नहीं छोड़ा। अब इस घटना के बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि जब जिला प्रशासन की तरफ से धरना प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी और सोशल मीडिया में इस प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा लोगों के पहुंचने की अपील भी की जा रही थी, तो भी प्रशासन ने तैयारी क्यों नहीं की? प्रदर्शन की अपील को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि भीम सेना और प्रगतिशील सतनामी समाज की तरफ से धरना प्रदर्शन की अनुमति ली गई थी। इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लगातार समाज के नेता अपील कर रहे थे। अपील का असर ऐसा था कि सोमवार को लोगों ने अपने दफ्तरों से छुट्टी ले रखी थी। कई निजी कंपनियों और फर्मों में काम करने वालों से जब पूछा गया कि रविवार को छुट्टी होने के बाद भी सोमवार को आप छुट्टी क्यों मांग रहे हैं तो कर्मियों ने बताया कि उन्हें बलौदाबाजार के धरना प्रदर्शन में शामिल होना है। छुट्टी के लिए जब इंकार किया गया तो नौकरी छोड़ने तक को लोग तैयार थे।
प्रशासनिक अफसरों की नाकामी
बलौदाबाजार की इस घटना के बाद प्रशासन के लॉ एंड ऑर्डर पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं होने से लेकर इंटेलिजेंस फेल के दावे किए जा रहे हैं। बलौदाबाजार की डीएसबी, एलआईबी के साथ राज्य इंटेलिजेंस को भी इस प्रदर्शन के इतने भयानक रूप लेने की भनक नहीं लगी। इस पूरी घटना के लिए एक आईएएस और तीन आईपीएस को जिम्मेदार माना जा रहा है। बलौदाबाजार कलेक्टर केएल चौहान, एसएसपी सदानंद कुमार, रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा और आईजी इंटेलिजेंस अमित कुमार का पूरा सिस्टम फेल रहा है।
आपको बता दें कि 15 मई की देर रात सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। लेकिन समाज के लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं, पुलिस दोषियों को बचा रही है।