रायपुर। मनेंद्रगढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल के विरुद्ध पोंडी थाने में गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज करने के लिए लिखित आवेदन पेश किया गया है। पुलिस को दस्तावेजों के साथ पात्र लिखने वाले चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने बताया है कि यह मामला 4 साल पुराना है, जिसमें विधायक डॉ विनय जायसवाल ने समर्थकों के साथ एसईसीएल के महाप्रबंधक घनश्याम सिंह के बंगले पर जाकर प्रदर्शन करते हुए पानी की पाइप लाइन को काट दिया था।

RTI से निकाली घटनाक्रम की जानकारी…

आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने अपने शिकायत में वर्ष 2020 में एसईसीएल के द्वारा सूचना के अधिकार पर प्रदान की गई जानकारी और वर्ष 2024 में थाना पोंडी से प्राप्त की गई जानकारी को आधार बनाया गया है। इस संबंध में RTI कार्यकर्ता ने विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समाचार को भी आधार बनाया है।

पेयजल को लेकर किया था प्रदर्शन

दरअसल इस घटनाक्रम के बाद महापबंधक ने अपनी शिकायत में थाना पोंडी को लिखा था कि “आज दिनांक 08.09.2020 को शाम 3:45 बजे स्थानीय विधायक डॉ विनय जायसवाल के द्वारा मेरे स्थानीय निवास में जल आपूर्ति व्यवस्था की पाइप लाइन को तोड़फोड़ किया गया है तथा मेरी अनुपस्थिति में मेरे आवास के गेट पर उनके लगभग 50 समर्थकों के साथ नारेबाजी की गई है, इसके पश्चात स्थानीय विधायक अपने समर्थकों के साथ मेरे कार्यालय में आए मुझे कुरासिया के विभिन्न कॉलोनी में जल पदाय पर चर्चा हुई इस पर जब मैं महाप्रबंधक आवास में की गई उपरोक्त कृत्य की भर्त्सना किया तो उन्होंने कहा कि मेरा यह कार्य सही है। डॉ विनय जायसवाल विधायक के इस कृत्य से हम लोकसेवक आहत हुए हैं, एवं ऐसे में हमारी कार्यक्षमता पर ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है। अतः श्रीमान से अनुरोध है कि इस घटना की प्राथमिकी दर्ज करते हुए उचित कार्रवाई किया जाए।” इसकी प्रतिलिपि महाप्रबंधक के द्वारा कलेक्टर, कोरिया पुलिस अधीक्षक कोरिया व नगर पुलिस अधीक्षक चिरमिरी को दी गई थी।

वहीं इस संबंध में एसईसीएल चिरमिरी के सिक्योरिटी विभाग के कर्मचारी बनमाली के द्वारा भी थाना प्रभारी पोंडी को एक लिखित शिकायत की गई थी। इस शिकायत के साथ आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना के अधिकार पर महाप्रबंधक के बंगले के टूटे हुए पाइप की फोटो भी प्रदान किया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार पर एक आवेदन प्रस्तुत कर पोंडी पुलिस से 2024 में जानकारी प्राप्त किया तब उसे ज्ञात हुआ कि पोंडी पुलिस के ‌द्वारा इस संबंध में कोई FIR दर्ज नहीं किया गया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा को एसीसीएल चिरमिरी क्षेत्र के लोक सूचना अधिकारी के दवारा जानकारी प्रदान किया गया कि घनश्याम सिंह तात्कालिक महाप्रबंधक एसईसीएल चिरमिरी व सुरक्षा विभाग का कर्मचारी बनमाली के द्वारा दिनांक 08.09.2020 को थाना पोडी जिला कोरिया को लिखित शिकायत किया गया है कि क्षेत्र के विधायक डॉ विनय जायसवाल के द्वारा अशोभनीय व्यवहार किया गया है।

सत्तापक्ष के विधायक थे जायसवाल, इसलिए दर्ज नहीं की FIR

एसईसील महाप्रबंधक कार्यालय के महाप्रबंधक लोक सेवक होते हैं साथ ही सिक्योरिटी विभाग का कर्मचारी बनमाली भी लोकसेवक है, किसी लोकसेवक के द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए किसी गंभीर अपराध की सूचना थाना में दिए जाने पर अनिवार्य रूप से FIR दर्ज किया जाता है. इसके विपरीत पोंडी थाना के द्वारा इस संबंध में FIR दर्ज नहीं किया गया है। आरोप लग रहे हैं कि तब विनय जायसवाल सत्तापक्ष कांग्रेस के विधायक थे इसलिए उनके खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज नहीं किया।

आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा अपने शिकायत में लिखा गया है कि विधायक जायसवाल के द्वारा निम्न प्रकार से अपराध किया गया है : महाप्रबंक के बंगले पर महाप्रबंधक के प्रयोग के लिए पाईप जिसमें जल की आपूर्ति की जाती है काटा और तोड़ा-मरोड़ा गया है इस पाइप की कीमत 50 rs. से अधिक होने के कारण यह रिष्टि की श्रेणी में आता है जो IPC की धारा 427 के तहत दंडनीय अपराध है। जायसवाल के ‌द्वारा महाप्रबंधक के निज निवास पर उपहति कर, गृह अतिचार किया गया है जो IPC की धारा 452 के तहत दंडनीय अपराध है। साथ ही यह संज्ञेय अपराध भी है। इसके साथ ही जायसवाल के ‌द्वारा महाप्रबंधक के बंगले पर लोक संपत्ति की क्षति कारित की गई है जो लोग संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध है, यह विशेष अधिनियम का अपराध होने के कारण संज्ञेय अपराध भी है।

हो सकता है FIR दर्ज

मिश्रा ने बताया है कि जायसवाल के द्वारा किया गया उपरोक्त समस्त कृत्य विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और यूट्यूब में भी अपलोड किया गया है, साथ ही दोषी व्यक्ति के द्वारा महाप्रबंधक से इस संबंध में क्षमा याचना भी की गई है, इसका वीडियो भी यूट्यूब पर अपलोडेड है, इस शिकायत में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाता व वीडियो में दिखाई दे रहे अन्य व्यक्तियों को साक्षी के रूप में कथन दर्ज किया जा सकता है।

गौरतलब है कि जब यह घटना घटित हुई तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। अब जब BJP की सरकार है, तब माना जा रहा है कि पूर्व विधायक विनय जायसवाल के खिलाफ FIR दर्ज किया जाए। वैसे भी इस मामले की पीड़ित पक्ष द्वारा लिखित शिकायत की गई थी, ऐसे में संभव है कि मामले में रूचि लेते हुए शासन द्वारा क़ानूनी कार्रवाई की जाये।

You missed

error: Content is protected !!