LOKSABHA ELECTION – 2024 : IAS अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू को बीजेपी ने बठिंडा से अपना लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। परमपाल ने वीआरएस के लिए आदेवन किया था, जिसे भारत सरकार के कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग द्वारा तो स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन पंजाब सरकार ने उन्हें तीन महीने के नोटिस पीरियड से राहत नहीं दी है।
‘VRS का झूठा कारण बताया, ड्यूटी पर लौटने का निर्देश’
बठिंडा से भाजपा उम्मीदवार परमपाल कौर के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। पंजाब सरकार ने आईएएस अधिकारी परमपाल को तुरंत ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा है। राज्य सरकार की ओर से उन पर सेवानिवृत्ति के लिए झूठे कारण बताने का भी आरोप लगाया गया है, जबकि वह राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त थीं।
खारिज हो सकता है नामांकन…
परमपाल कौर सिद्धू, जो शिअद नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं, को लिखे पत्र में पंजाब कार्मिक विभाग ने कहा है कि नौकरी छोड़ने के लिए उनकी तीन महीने की नोटिस अवधि माफ नहीं की गई है। उन्होंने अभी तक नामांकन दाखिल नहीं किया है और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए बठिंडा संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग कार्यालय द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किया जा सकता है।
शासन ने लगाया यह आरोप
पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सेवा से उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्वीकृति के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया है। उन पर अनधिकृत तरीके से पीएसआईडीसी के एमडी के पद का प्रभार अपने पास रखने का भी आरोप लगाया गया है। परमपाल कौर करीब एक महीने से बठिंडा में चुनाव प्रचार कर रही हैं। पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 11 अप्रैल को दावा किया था कि केंद्र द्वारा उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। इस पर परमपाल कौर ने दावा किया था कि भाजपा में शामिल होने से पहले 10 अप्रैल को भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने उनका वीआरएस मंजूर कर लिया था।
भाजपा ने भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा परमपाल कौर का वीआरएस मंजूर कर लिए जाने के बाद ही उन्हें बठिंडा से टिकट दिया था, मगर अब बदले हुए घटनाक्रम में भाजपा क्या कदम उठाती है इस पर सभी की नजरें रहेंगी।