जयपुर। बिहार-झारखंड समेत राजस्थान में भी मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा NEET में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आए हैं। यहां
छोटे भाई की जगह परीक्षा देने पहुंचा युवक पकड़ा गया। वह खुद भागीरथ राम जोधपुर मेडिकल कॉलेज का फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। पुलिस दोनों भाईयों को गिरफ्तार करके पूछताछ कर रही है।
बाड़मेर के अंतरी देवी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में NEET का सेंटर बनाया गया था। जोधपुर मेडिकल कॉलेज का फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट भागीरथ राम अपने छोटे भाई की जगह परीक्षा देने गया था। परीक्षक को शक हुआ तो उसने पूछताछ की और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी भागीरथ राम को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने छोटे भाई गोपाल राम की जगह परीक्षा देने आया था। दोनों मेघावा सांचौर के रहने वाले हैं।
MBBS फर्स्ट ईयर का है स्टूडेंट
जांच में पता चला कि छोटे भाई की जगह परीक्षा देने आया भागीरथ राम खुद कई प्रयासों के बाद पिछले साल आयोजित हुई NEET UG 2024 की परीक्षा में सफल हुआ। जोधपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है। अपने छोटे भाई को डॉक्टर बनाने के लिए उसकी जगह मुन्ना भाई की तर्ज पर फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने पहुंचा था, लेकिन इससे पहले ही पकड़ा गया।
भरतपुर में दूसरे की जगह परीक्षा देते 6 गिरफ्तार
उधर भरतपुर में नीट परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। साथ ही परीक्षा में डमी कैंडिडेट समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह ने 10 लाख रुपये में NEET UG 2024 की परीक्षा का पास कराने का सौदा किया था। इन आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चल सकेगा कि गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
10 लाख में परीक्षा देने आए थे MBBS स्टूडेंट
एएसपी अकलेश शर्मा ने बताया कि भरतपुर में आयोजित नीट परीक्षा के दौरान एक एमबीबीएस स्टूडेंट डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देता हुआ पकड़ा गया है। डमी छात्र करौली जिले का रहने वाला डॉ अभिषेक है। वह दौसा जिले के सूरज कुमार गुर्जर के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। डमी कैंडिडेट की निशानदेही पर पुलिस ने मूल परीक्षार्थी सहित नकल कराने आये गिरोह के अन्य सदस्यों को भी हिरासत में ले लिया है। पकड़े गए कुल 6 आरोपियों में से 3 मेडिकल कॉलेज अजमेर के एमबीबीएस (MBBS) के थर्ड ईयर के स्टूडेंट हैं, जोकि 10 लाख रुपए परीक्षा देने आए थे।
एक लाख रुपए लिया एडवांस
मूल परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे डमी कैंडिडेट डॉक्टर अभिषेक ने इसके लिए 10 लाख में से 1 लाख एडवांस लिया था। उसने राहुल गुर्जर के स्थान पर ही परीक्षा फार्म भरते हुए अपनी बायोमेट्रिक पहचान नीट के फार्म में भरी थी। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अभिषेक गुप्ता अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र है। डॉ. अभिषेक एमबीबीएस के सातवें सेमिस्टर का छात्र है। पकड़े गए आरोपियों में मूल परीक्षार्थी राहुल गुर्जर, डॉ रविकांत उर्फ रवि मीणा, डॉ अमित जाट, डॉक्टर अभिषेक, दयाराम और सुरेश नाम के आरोपी हैं। पुलिस की पूछताछ में डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा में बैठने वाले डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि डॉक्टर रविकांत उर्फ रवि मीणा ने ही उनका सौदा तय कराया था। एएसपी अकलेश शर्मा का कहना है कि आरोपियो से डिटेल पूछताछ की जाएगी। इसके बाद मामले का खुलासा किया जाएगा। इनके गिरोह में कौन कौन लोग शामिल हैं, यह पूछताछ के बाद खुलासा होगा।
राजस्थान का सॉल्वर बिहार से गिरफ्तार
गोपालगंज में पुलिस ने सीबीएसई परीक्षा केंद्र से एक सॉल्वर को गिरफ्तार किया है, जो दूसरे परीक्षार्थी के बदले डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम दे रहा था। गिरफ्तार सॉल्वर की पहचान राजस्थान के बाड़मेर जिला के कुडला थाना क्षेत्र के रिको निवासी सुंरग कुमार के पुत्र सतीश कुमार के रूप में हुई है।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस से सॉल्वर की हुई पहचान
बताया जा रहा है कि नगर थाना क्षेत्र के बसडीला स्थित सीबीएसई परीक्षा केंद्र पर गिरफ्तार सॉल्वर सतीश कुमार सिद्धार्थ सुमन नाम के परीक्षार्थी के बदले परीक्षा दे रहा था। एनटीए मुख्यालय से रिपोर्ट आने पर सेंटर पर ही उसकी गिरफ्तारी हुई।