रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में EOW की टीमों ने सुबह से पूरे प्रदेश में छापेमारी शुरू की है। टीमों ने राजधानी के साथ कांकेर, राजनांदगांव, दुर्ग ,बिलासपुर,रायगढ़ में एप से जुड़े लोगों को घेरा है। इनमें सराफा कारोबारी भी शामिल हैं।
EOW ने जारी किया प्रेस नोट
EOW ने इस संबंध में जारी प्रेस नोट में बताया है कि दो वर्ष पूर्व सामने आए आनलाइन सट्टे के धंधे में पहली बार सराफा कारोबारियों की संलिप्तता सामने आई है। यह कार्रवाई, इस मामले में जेल में बंद चंद्रभूषण वर्मा और अन्य लोगों से अब तक हुई पूछताछ के मुताबिक कि गई है। वहीं कुछ पुलिस और शासकीय कर्मचारी भी बताए गए हैं। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है।
वर्मा की पिछली कोर्ट पेशी के बाद से ईओडब्लू इस कार्रवाई के लिए तैयारी में थी। लोकसभा चुनावों का मतदान निपटने का इंतजार था। इसी रणनीति के तहत आईजी EOW अमरेश मिश्र ने कल पूरे प्रदेश से एसीबी-ईओडब्लू के अधिकारी कर्मचारियों को रायपुर बुलाया। रात ही तीस से अधिक टीमें बनाकर 70 से अधिक सशस्त्र जवानों के साथ आज तड़के इन शहरों के 29 ठिकानों को घेरा। इनमें दुर्ग में 18,रायपुर 7, बलौदाबाजार में 2 और कांकेर रायगढ़ में 1-1 ठिकाने शामिल है। ईओडब्लू ने बताया कि इन ठिकानों की तलाशी में लैपटॉप और एसेसरीज़, संपत्ति के दस्तावेज, हवाला लेनदेन की पर्चियां,बैंक लेनदेन और अन्य संदिग्ध कागजात जब्त किए गए हैं।
रायपुर के संतोषी नगर में रिमांडयाफ्ता निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और भाई के घर शामिल है। जहां वर्मा के पिता,भाई व परिजनों से पूछताछ व घर में छानबीन कर रही है । वर्मा के सुहेला (बबा) स्थित पैतृक निवास में भी जांच की।
खुलासा यह हुआ है कि चंद्रभूषण, सट्टा संचालक सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल से प्रोटक्श मनी लेकर रायपुर,दुर्ग व अन्य जिलों के पुलिस अफसरों को पहुंचाता था। वह कुछ कांग्रेस नेताओं व करीबियों को भी देता था।
EOW ने दुर्ग भिलाई में आकाशगंगा मार्केट स्थित सांखला जेवलर्स, सहेली अलंकरण और उनके संचालक प्रकाश सांखला, राजेंद्र जैन के घर में दबिश दी है। इसी तरह से सौरभ चंद्राकर के भिलाई सूर्य विहार स्थित घर पर छापा मारा है। जहां उनके रिटायर्ड पिता दिलीप चंद्राकर परिवार रहते हैं। वे नगर निगम से रिटायर हुए हैं।
उधर कांकेर गई टीम ने पुलिस लाइन में पदस्थ हवलदार विजय पांडे को भी घेरा है। विजय के चारामा स्थित घर पर टीम ने करीब 7 घंटे गेट खुलने या उसके आने का इंतजार किया और फिर घर को सील कर लौट आई। हवलदार विजय पूर्व में रायपुर एसपी आफिस में ही पदस्थ रहा है। दो वर्ष पहले ही उसका कांकेर तबादला किया गया था। वह कांकेर में सट्टे के कारोबार को प्रोटेक्शन देता था। इसी तरह से रायगढ़ के धर्मजयगढ़ में ईओडब्लू ने कारोबारी अनिल अग्रवाल के भी घर को सील कर दिया है।