बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट को बताया है कि जुलाई माह में बेमेतरा जिले में प्रदेश की पहली खुली जेल शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा रायपुर व बिलासपुर में विशेष जेलों का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। हाई कोर्ट बिलासपुर में प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किये जाने को लेकर दायर याचिका पर मुख्य सचिव की ओर से हाईकोर्ट में यह जवाब पेश किया गया है।

बंदियों के साथ होता है अमानवीय व्यवहार

हाई कोर्ट में अधिवक्ता शिवराज सिंह चौहान ने जेलों में ओवरक्राउड को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने एक आवेदन देकर यह भी बताया था कि क्षमता से अधिक बंदी होने के कारण कैदियों के साथ अमानवीय बर्ताव होता है।

जेलों की स्थिति पर न्यायमित्र ने दी रिपोर्ट

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने जेलों की स्थिति पर रिपोर्ट देने के लिए अधिवक्ता रणबीर सिंह मरहास को न्याय मित्र नियुक्त किया था। इसमें बताया गया था कि नई जेल निर्माणाधीन हैं तथा बंदियों को वर्तमान में अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

रायपुर और बिलासपुर में भी विशेष जेल

मुख्य सचिव ने बताया है कि जुलाई में 200 की क्षमता वाली खुली जेल जुलाई माह से बेमेतरा में शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा रायपुर में 4000 की क्षमता वाली तथा बिलासपुर में 1500 बंदियों की क्षमता वाली नई विशेष जेलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। कोर्ट अब इस मामले में जुलाई को सुनवाई करेगा।

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