बिलासपुर। UPSC की परीक्षा में पास होने की झूठी खबर फैलाकर मुंगेली कलेक्टर तथा आम लोगों को गुमराह करने वाले युवक की कुछ ही घंटे में पोल खुल गई। जिसके बाद पुलिस ने मामले में UPSC के एक प्रतियोगी तथा उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
120वां रैंक हासिल करने की उड़ी खबर
दरअसल बीते मंगलवार को जब संघ लोक सेवा आयोग का परीक्षा परिणाम निकला। इसके बाद एक मेसैज वाट्सअप पर वायरल होने लगा कि सुरीघाट, मुंगेली के रहने वाले मनोज कुमार पटेल (30 वर्ष) ने यूपीएससी में 120वां रैंक हासिल किया है। वाट्सएप पर मेसैज चलने के बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने पटवारी पल्लवी भास्कर को मनोज पटेल से संपर्क करने कहा। वहां उसके दोस्त श्रवण सोनी और राजेंद्र साहू मौजूद थे।
गांव में था उत्सव का नजारा
UPSC में सलेक्शन होने की खबर पर मनोज कुमार पटेलगांव के लोगों से उन्हें बधाईयां मिल रही थी। मीडियाकर्मी भी उससे बात कर रहे थे। मनोज पटेल ने पटवारी से कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कलेक्टर से मिलकर अपनी सफलता की जानकारी देना चाहता है। उसने श्रवण सोनी और राजेंद्र साहू के साथ पहुंचकर कलेक्टर राहुल देव से मुलाकात की। कलेक्टर ने उन्हें बधाई दी और मिठाईयां भी खिलाई।
पुरस्कार की बात पर हुआ शक…
इसी दौरान मनोज ने वहां उपस्थित अधिकारियों से कहा कि उसे कुछ अधिक पुरस्कार की अपेक्षा है। तब उसके दावे पर संदेह होने लगा क्योंकि कोई भी सफल प्रतियोगी खुद से पुरस्कार की मांग नहीं करता। कलेक्टर ने उससे एडमिट कार्ड मांगा तब उसने बताया कि वह घर पर है। लोग उसे घर लेकर गए। वहां दो घंटे तक उसने एडमिट कार्ड ढूंढने का बहाना किया फिर बताया कि कार्ड गुम गया है।
छानबीन में MP का मनोज निकला
इसके बाद अधिकारियों ने यूपीएससी टॉपर की सूची की छानबीन की। इसमें 120वीं रैंक पर सिंगरौली मध्यप्रदेश के मनोज कुमार शाह का नाम दिखा। आरोपी मनोज कुमार ने इसे ही देखकर अपना चयन होने की अफवाह फैलाई थी। इसके बाद पुलिस ने पटवारी की शिकायत पर एफआईआर लिखी तथा उसे व उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं हुआ क्लियर…
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह दिल्ली में कई साल से यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। सन् 2023 में भी प्रारंभिक परीक्षा दिलाई थी लेकिन क्लीयर नहीं कर सका। उसने सफल परीक्षार्थी की तरह यूपीएससी दफ्तर के बाहर तस्वीर भी खिंचवा रखी थी। वह परीक्षा में तैयारी के नाम से घर से लाखों रुपये ले चुका था। यूपीएससी का परिणाम आया तो 120वें रैंक में एक मनोज कुमार नाम दिखा तो उसे वह अपना बताने लगा। इसमें उसके दोनों साथियों ने भी मदद की। FIR के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।