रायपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर ब्रांच की सामान्य सभा हुई जिसमें मुख्य रूप से आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को पिछले कई महीनों से लंबित भुगतान को लेकर चर्चा हुई। इस मौके पर उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से लंबित भुगतान मिलने तक आयुष्मान योजना के तहत इलाज को किये जाने पर सहमति जताई।
बंद होने के कगार पर हैं कई अस्पताल
IMA के सलाहकार डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है, इसमें आने वाले खर्च का भुगतान केंद्र सरकार 60% एवं राज्य सरकार 40% करती है। मगर पिछले कई महीनों से अस्पतालों का भुगतान नहीं किया गया है और आयुष्मान योजना का बकाया 800 करोड़ तक जा पहुंचा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री विशेष सहायत योजना सहित अन्य योजनाओं का भी करोड़ों रुपया बकाया है। डॉ गुप्ता ने बताया कि बकाये पैसे का भुगतान नहीं होने के चलते कई बड़े और छोटे अस्पताल बंद होने के कगार पर आ गए हैं। कई अस्पतालों ने तो इस योजना के तहत इलाज करना बंद भी कर दिया है।
आयुष्मान के बकाये को लेकर IMA के सदस्यों ने बैठक में विचार विमर्श किया और तय किया कि सदस्य प्रदेश के अन्य शाखाओं से भी बातचीत करेंगे ताकि वित्तीय प्रबंधन के अभाव मे सीमित काम करने या योजना के तहत काम करना बंद करने पर विचार किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री से केवल मिला आश्वासन
हॉस्पिटल बोर्ड IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ अनिल जैन ने बताया कि IMA रायपुर शाखा के पदाधिकारी पिछले ४ महीनो में स्वास्थ्य मंत्री से दो बार व अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणु पिल्ले से मुलाक़ात कर आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के लम्बित भुगतान के बारे में अवगत करा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द ही भुगतान का आश्वासन दिया था, लेकिन इस पर तीव्र गति से प्रयास नही किया गया, जिससे अस्पतालों मे इस योजना को लेकर रोष है।
राज्यों में बंद है मरीजों का इलाज
डॉ जैन ने कहा कि IMA गरीब व ज़रूरतमंद लोगों के इलाज के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अनियमित भुगतान की वजह से कर्तव्य का पालन करने में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा और गुजरात में अस्पतालों ने अनियमित भुगतान की समस्या होने के कारण आयुष्मान योजना से मरीज़ों का इलाज पूर्णतया बंद कर दिया है।
IMA रायपुर के महासचिव डॉ दिग्विजय सिंह ने बताया कि आई एम ए ने दूरस्थ एवं कम सुविधा युक्त अस्पतालों में काम करने वाले सदस्यों को सलाह दी है कि वो मरीज़ के इलाज करने में अपनी व्यावसायिक प्रतिबद्धता एवं इलाज की गुणवत्ता का ध्यान रखें। आयुष्मान योजना में लगातार आ रही कठिनाइयों को लेकर प्रदेश स्तर पर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल शासन स्तर पर अधिकारियों से मिलेगा।