नई दिल्ली। SBI ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित डाटा भेज दिया है। मंगलवार शाम तक चुनाव आयोग को यह डाटा देने के लिए एसबीआई को देने के लिए कहा गया था। एसबीआई द्वारा चुनावी बॉन्ड्स की यह जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने के बाद 2 दिनों में यह साफ हो जाएगा किस पार्टी को कितना चंदा मिला है।
जानकारी अपलोड करना चुनौती
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की खरीद बिक्री से जुड़ी जानकारी भेज दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, आंकड़े बुनियादी स्वरूप में हैं। यानी किसने कब कितने रुपए मूल्य के बॉन्ड्स किस पार्टी के पक्ष में खरीदे। हालांकि जानकारी बिल्कुल बुनियादी है यानी रॉ इन्फोर्मेशन है। उसे 15 मार्च तक तरतीब से अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों के लिए भी चुनौती है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बॉण्ड के विवरण 12 मार्च तक निर्वाचन आयोग को देने का आदेश दिया था और एसबीआई को चेतावनी दी कि इसके निर्देशों एवं समयसीमा का पालन करने में यदि वह नाकाम रहता है तो ‘जानबूझ कर अवज्ञा’ करने को लेकर अदालत उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने विवरण का खुलासा करने के लिए समयसीमा 30 जून तक बढ़ाने संबंधी एसबीआई की अर्जी खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग को भी एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 15 मार्च को शाम पांच बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।