अंबिकापुर। सरगुजा कलेक्टर ने अंबिकापुर में भूमाफियाओं के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। यहां शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4 एकड़ से अधिक की गोचर भूमि को निजी मद में दर्ज करके करोड़ों रूपये में बेचने के मामले में सरगुजा कलेक्टर ने तत्कालीन नजूल अधिकारी (वर्तमान में कोंडागांव जिले में संयुक्त कलेक्टर), नजूल अधिकारी रीडर, आरआई, सहित बाबू पर FIR दर्ज कर लिया गया है।
प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने 4.22 एकड़ जमीन घोटाले के मामले में तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध दर्ज किया है। मामले में जांच के दौरान फर्जीवाड़े में अभी और आरोपियों के नाम शामिल होने की उम्मीद है।दरअसल उपरोक्त व्यक्तियों की मिलीभगत से उक्त जमीन का नामांतरण फर्जी दस्तावेजों के सहारे किया गया था।
समाजसेवी ने CM से की थी शिकायत
उक्त जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत समाजसेवी कैलाश मिश्रा ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित कलेक्टर सरगुजा से की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उक्त मामले में संलिप्त लोगों ने 4.22 एकड़ जमीन को राजस्व विभाग के अधिकारी सहित कुछ पटवारी व राजस्व निरीक्षक की मिलीभगत से 50 करोड़ से अधिक राशि में बिक्री कर दिया है। इस मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की गई थी।
अंबिकापुर शहर की जिस बेशकीमती जमीन के बारे में खुलासा हुआ है, वह नमनाकला, अंबिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि सरगुजा सेटलमेंट मे गौचर मद की भूमि है। जिसे अनियमित पट्टा और विधिक प्रावधानों के विपरीत अनावेदक बंसू द्वारा अपने नाम पर कराते हुये उक्त शासकीय नजूल भूमि में से कई व्यक्तियों को विक्रय कर दिया गया है।
मृत व्यक्ति के हमनाम के नाम पर कर दी जमीन
बताया जा रहा है कि 1977-78 में बंसू राम नामक ग्रामीण को यह जमीन पट्टे में मिली थी। बाद में शासन द्वारा इस जमीन को गौचर भूमि के रूप में तब्दील कर दिया गया। साल दर साल गुजरते गए। इस बीच भूमाफियाओं की नजर इस बेशकीमती जमीन पर पड़ी। जिन्होंने प्रशासनिक अमले के साथ मिलीभगत करके संबंधित जमीन को दोबारा बंसू राम के नाम पर दर्ज करने का षड्यंत्र रचा। बता दें कि पूर्व में जिस बंसू राम को जमीन का पट्टा मिला था, उसकी बरसों पहले मौत हो चुकी है। फर्जीवाड़ा करने वालों ने इसके लिए अंबिकापुर के ग्राम फुन्दुरडिहारी निवासी बंसु आत्मज भटकुल की तलाश कर ली और उसे कार्यालय में खड़ा कर उसके नाम पर जमीन को चढ़वा दिया।
इस फर्जीवाड़े में तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इनके अलावा भूमाफियाओं के नाम भी सामने आये हैं।
कलेक्टर के न्यायलय में हो रही सुनवाई
सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने मीडिया को बताया कि मामले में मिले जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर न्यायालय द्वारा प्रकरण को छग भू राजस्व संहिता की धारा 50 के तहत पुनरीक्षण में ग्राहय कर सुनवाई किया जा रहा है। इस प्रकरण में अनावेदक बंसु आत्मज भटकुल निवासी फुन्दुरडिहारी, तहसील अंबिकापुर एवं सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को कल 14 मार्च को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। इन सभी के नाम पर जमीनों की बिक्री किया जाना बताया जा रहा है। जानकारी मिल रही है कि अब तक इस जमीन की खरीद बिक्री कर 50 करोड़ रूपये के वारे-न्यारे किये जा चुके हैं।
कलेक्टर ने कहा है कि सुनवाई में अनावेदकगण यदि जवाब या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते हैं तो प्रकरण में एकपक्षीय रूप से अग्रिम कार्रवाई करते हुए प्रकरण में गुण दोष के आधार पर आदेश पारित कर दिया जाएगा।
‘शासकीय भवनों का होगा निर्माण’
कलेक्टर विलास संदीपन ने कहा है कि पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो चुका है। अब पूरी जमीन को शासकीय मद में चढ़ा दिया जाएगा। शासन को ओल्ड एज होम, आंगन बाड़ी और अस्पताल के लिए जमीन की जरुरत है, भविष्य में इस भूभाग पर इनके भवनों का निर्माण किया जा सकेगा।
बता दें कि फर्जीवाड़ा करके इस जमीन के कई हिस्सों को बेचे जाने के बाद यहां पर वर्तमान में कई निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। अब गड़बड़ी उजागर हो चुकी है और जॉइंट कलेक्टर सहित शासकीय अमले के खिलाफ FIR दर्ज किया जा चुका है। संभव है कि इसमें भूमाफियाओं के खिलाफ भी FIR दर्ज किया जायेगा। कल इस मामले की सुनवाई के बाद संभव है कि जमीन की खरीद-बिक्री करनेवालों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की जाएगी।