रायपुर। राजधानी और आसपास के इलाकों में गुम और चोरी गए मोबाईल फोन की घटनाओं को SSP संतोष कुमार सिंह ने गंभीरता से लेते हुए समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों सहित एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट की टीम को मोबाईल फोन ढूंढ कर बरामद करने हेतु निर्देशित किया गया था।
इसी कड़ी में विशेष अभियान चलाकर पुलिस टीम द्वारा गुम हुए कुल 601 नग मोबाईल फोन को प्रदेश सहित अन्य राज्यों के अलग-अलग स्थानों से ढूंढ कर बरामद किया गया। कुल 601 नग मोबाईल फोन की कीमत लगभग 01 करोड़ 25 लाख रूपये आंकी गई है। आज अनेक मोबाईल फोन को उनके स्वामियों को वितरित किया गया।
मोबाइल्स की तलाश में करनी पड़ी मशक्कत
गुम/चोरी हुए मोबाईल फोन को बरामद करने के दौरान एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट की टीम द्वारा तकनीकी विष्लेषण कर वर्तमान में चला रहे मोबाईल धारक से गुम होने या चोरी की मोबाईल उसके द्वारा चलाये जाने की जानकारी देकर उसे सायबर सेल रायपुर में जमा कराया गया। इस दौरान कई मोबाईल धारक द्वारा फोन को बंद भी कर दिया जाता था। जिस पर टीम के द्वारा अन्य राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर मोबाईल धारक को तस्दीक कराकर उनसे मोबाईल फोन बरामद किया गया। उसके बाद अन्य राज्यों एवं विभिन्न जिलों से मोबाईल फोन को कुरियर के माध्यम से मंगाया गया। जिसमें से उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड तथा बिहार से मोबाईल फोन बरामद किया गया। इस दौरान कुछ मोबाईल धारको को चोरी या गुम मोबाईल चलाये के बारे में बताये जाने पर स्वयं से भी कुरियर कराया गया है। चोरी के मोबाईल जिन मामलों में बरामद हुए है उन पर वैधानिक कार्यवाही की जा रहीं है।
मोबाइल धारकों ने जताया पुलिस का आभार
पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अनुमानित 01 करोड़ 25 लाख रूपये कीमती मोबाईल फोन बरामद कर रायपुर पुलिस द्वारा उनके धारकों को वितरित किया गया है, जिससे गुम मोबाईल फोन प्राप्त होने पर मोबाईल फोन स्वामियों द्वारा रायपुर पुलिस की भूरी-भूरी प्रशंसा कर आभार जताया गया।
मोबाइल फोन गुम होने पर क्या करें..?
रायपुर पुलिस समस्त जनता से अपील की है, कि मोबाईल फोन गुम/चोरी होने की स्थिति में तत्काल www.ceir.gov.in पोर्टल में इस संबंध में जानकारी भेजे एवं अपने नजदीकी थाना/सायबर सेल से संपर्क करें, जिससे मोबाईल फोन का किसी भी अपराध में उपयोग ना हो सके। अपने मोबाईल फोन को हमेशा पासवर्ड प्रोटेक्टेड रखें। जागरूक रहकर किसी भी प्रकार के सायबर अपराध से बचा जा सकता है।