जयपुर। देशभर में कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर राजस्थान का कोटा शहर इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है। कोचिंग सिटी में पढ़ाई के दबाव में कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात यहां छत्तीसगढ़ के रहने वाले एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। 18 वर्षीय छात्र शुभकुमार चौधरी, कोटा के महावीर नगर प्रथम स्थित कृष्ण रेजिडेंसी में रहता था। वह अपने कमरे में आत्महत्या की स्थिति में पाया गया, जिसके बाद उसे एमबीएस अस्पताल ले जाया गया।
परिजन और शिक्षक शोक में डूबे
छात्र छत्तीसगढ़ के सूरजपुर स्थित जरही के इंटक नेता का बेटा बताया जा रहा है। मृतक के मामा दिल्ली से कोटा के लिए रवाना हो गए हैं।
डीएवी के शिक्षक ने बताया कि शुभ ने दसवीं तक का हमारे स्कूल से पढ़ाई की है। वह शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहा था। उसने वर्ष 2022 में दसवीं की परीक्षा हमारे स्कूल से दी थी, जिसमे उसका स्कोर 97.4 प्रतिशत रहा था। वह इतना टूट जाएगा, नहीं पता था। मृतक शुभ के पिता ने बताया कि उसकी मां ने सोमवार की शाम को उससे बात की थी। उसकी बातों से लगा कि वह थोड़ा दुखी है।
उसने मुझे बोला कि बेटे से बात कर लो तो मैं और मेरी बड़ी बेटी तीनों ने उससे बात की थी। वह बता रहा था कि उसका एग्जाम अच्छा नहीं गया, जिस पर हम लोगों के द्वारा समझाया गया। कोई बात नहीं अगली बार मेहनत कर लेना। अभी 12वीं की परीक्षा शुरू होने वाली हैं. उसकी तैयारी करो। क्या पता था कल उससे उनकी आखरी बात हो रही है।
दो साल से कोटा में कर रहा था पढ़ाई
शुभकुमार चौधरी दो साल से कोटा में रहकर JEE की तैयारी कर रहा था। शुभकुमार ने पिछले वर्ष 11 वीं और इस बार 12वीं कक्षा की पढ़ाई भी यहीं से की। संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन्स के प्रश्नोत्तर कल रात ही जारी किये गए थे। इसके कुछ समय बाद, छात्र ने आत्महत्या कर ली।
परिजनों ने फोन किया मगर रिसीव नहीं हुआ…
डीएसपी भवानी सिंह ने बताया, “शुभकुमार चौधरी (18) एक छात्रावास में रहता था। आज सुबह जब उसके माता-पिता ने फोन किया, तो उसने फोन नहीं उठाया। उन्होंने तुरंत वार्डन को सूचित किया, जिसने धक्का देकर उसके कमरे का गेट खोला तो छात्र पंखे से लटका हुआ मिला।” आत्महत्या का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। जवाहर थाना पुलिस ने शव को उतारकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
NTA ने जारी कर दिया था आंसर…
बता दें कि मंगलवार सुबह जेईई मेन परीक्षा का परिमाण आया है, जिसमें उसके परसेंटाइल कम बने थे, हालांकि उसने इसके पहले ही अपने हॉस्टल के रूम में आत्महत्या कर ली, क्योंकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने फाइनल आंसर की जारी कर दी थी, जिसमें स्टूडेंट के कम अंक आने की जानकारी उसे मिल गई थी। घटना की सूचना के बाद पुलिस के आलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे थे।
पंखे में नहीं थी एंटी सुसाइड रॉड
कोटा में जिला प्रशासन ने सभी हॉस्टल्स और पीजी रूम में पंखों पर एंटी सुसाइड रॉड लगाने के निर्देश दिए थे। यह हैंगिंग डिवाइस लगने के पर 40 किलो से ज्यादा का वजन पंखे पर डालता है तो यह स्प्रिंग की तरह नीचे लटक जाते हैं। सरकार और जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद भी हॉस्टल के कमरे में एंटी सुसाइड रॉड पंखे में नहीं लगी थी। इसकी वजह से बच्चे की जान गई है। जिला प्रशासन ने इसी मामले में इसके पहले एक हॉस्टल को राजीव गांधी नगर में सीज किया था। संभवत: इस पर भी इसी तरह की कार्रवाई होगी।
सभी हॉस्टल का हो सर्वे
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि यह हॉस्टल उनके एरिया से बाहर महावीर नगर प्रथम में स्थित है, लेकिन हॉस्टल में एंटी सुसाइड रॉड नहीं होना बच्चों के लिए घातक है। जिला प्रशासन को हर हॉस्टल का सर्वे करवाना चाहिए। इसमें पुलिस भी मदद करें और जुर्माना हॉस्टल संचालकों पर लगाए। उन्हें सीज करने की कार्रवाई उन पर करें, ताकि सभी हॉस्टल संचालक नियमों का पालन करें।
पखवाड़े भर में चौथी आत्महत्या…
बता दें कि कोटा में इससे पहले 2 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का नूर मोहम्मद (27) ने भी आत्महत्या कर ली थी। 31 जनवरी को कोटा में रहने वाली निहारिका (18) ने आत्महत्या कर ली। वह जेईई की तैयारी कर रही थी। 24 जनवरी को यूपी के मुरादाबाद निवासी मोहम्मद जैद (19) ने भी आत्महत्या कर ली। वह कोटा के एक हॉस्टल में रहता था और नीट की तैयारी कर रहा था।
कोटा में सरकारी, कोचिंग और हॉस्टल के स्तर पर अवसाद मिटाने और आत्महत्याओं को रोकने के कई प्रयास किए जा रहे हैं, इसके बावजूद सफलता नहीं मिल रही, बल्कि समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं।