रायपुर. लगभग 162 करोड़ की लागत से बन रहे श्रीराम वन पथ गमन योजना विवादों में आ गई है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र लिखकर इस योजना में भारी भ्रष्टाचार होने का अंदेशा जताया गया है तथा इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है.
हमर संगवारी संस्था के अध्यक्ष, आरटीआई कार्यकर्ता राकेश चौबे ने एक पत्र लिखकर यह मुददा उठाया है. चौबे ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) स्थल को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है तथा कार्ययोजना बनाकर तीन अलग अलग कंपनियों टीसीएल, एचजीआई तथा वेपकोस कंपनी को कार्य सौंपे गए हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता राकेश चौबे ने कहा कि तीनों कंपनियां छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अधीन काम कर रही हैं तथा कुल प्रोजेक्ट लगभग 170 करोड़ का है. कंपनियां अलग अलग स्थल पर अलग अलग छोटी एजेंसियों को काम देकर इसे पूरा कराती हैं तथा छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल से भुगतान प्राप्त करती हैं. आश्चर्य कि कार्य गुणवत्ता संबंधी जांच किए बगैर ही इन कंपनियों को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया. संबंधित फाइलों के अवलोकन से यह ज्ञात हो जाएगा. निर्माण की गुणवत्ता बेहद निम्नस्तर की है और अनाप शनाप दर भुगतान करने के बिल बनाए गए हैं अत: इन सबकी जांच हो खासकर मटेरियल्स और बेस मटेरियल की.
दूसरी ओर पूरे मामले में छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के एक अफसर की भूमिका संदेह के दायरे में है. अत: दूध का दूध—पानी का पानी होना चाहिए. जानते चलें कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ में आने वाले 75 स्थलों का चयन किया गया है. प्रथम चरण में 10 स्थानों सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, चंपारण्य, तुरतुरिया, चन्दरखुरी, राजिम, सिहावा सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर एवं रामाराम के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 162 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है.
चुनावी साल में राम वन गमन पथ का काम जोरों पर है। राम वन गमन पथ उन जगहों से होकर गुजर रही है, जहां भगवान राम के पैर पड़े हैं। यह देश के कई जिलों से होकर गुजरा है। राम वन गमन पथ की लंबाई 2260 किमी है। छत्तीसगढ़ से राम वन गमन पथ का अधिकांश हिस्सा गुजर रहा है। इसमें कोरिया से लेकर सुकमा तक का हिस्सा है। 50 फीसदी के करीब छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ का काम पूरा हो गया है। छत्तीसगढ़ में भगवान राम का ननिहाल है। ऐसे में सरकार उन सभी जगहों को संवारने में जुटी है, जहां से राम वन गमन पथ गुजर रही है। आइए आपको छत्तीसगढ़ में जहां भगवान राम के पैर पड़े उसका पूरा रूट मैप समझाते हैं।
राम वन गमन पथ छत्तीसगढ़ में उन नौ स्थानों से भी गुजर रही है, जहां भगवान राम से जुड़ी यादे हैं। इन नौ स्थानों पर विकास काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ की लंबाई 528 किलोमीटर है। सरकार की तैयारी है कि सड़क पर दोनों ओर खूबसूरत फूल के पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग की तरफ से इसकी शुरुआत हो गई है। पौधारोपण का कार्य जारी है। राज्य सरकार की तरफ से कई चरणों में विकास का लक्ष्य रखा गया है।