मुंगेली। छत्तीसगढ़ के सरकारी धान खरीदी केंद्रों में हेराफेरी का काम बदस्तूर जारी है। कहीं किसानों की जमीन का आकर बढ़ाकर तो कहीं बाहर से लाया गया धान खपाकर। इसके अलावा किसानों से लिए गए ‘एक्स्ट्रा’ धान को बोरियों से निकालकर भी हेराफेरी की जाती है। ऐसी ही गड़बड़ी मुंगेली जिले के एक केंद्र में कैमरे में कैद हुई। आखिर किस तरह होता है ये खेल, यह हम आपको बताते हैं।

काम निपटने के बाद करते हैं धान की चोरी

मुंगेली जिले में धान खरीदी केंद्र का बड़ा खेल उजागर हुआ है। खरीदी केंद्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जहां धान की तौलाई के बाद धान की चोरी करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि, जिले के अधिकतर धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के बाद रोज शाम को इस तरह का खेल खेला जा रहा है।

वायरल वीडियो में तौल हो चुके धान की बोरी से धान निकालते कर्मचारी नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो मुंगेली के तरवरपुर धान उपार्जन केंद्र का बताया जा रहा है। इधर सहकारिता विभाग के अधिकारी हितेश कुमार श्रीवास ने वीडियो की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।

‘सूखत’ के नाम पर किसानों से लेते हैं ‘एक्स्ट्रा’ धान

वैसे तो शासन द्वारा किसानों से हर बोरे में प्रति तौल 40 किलो ग्राम धान लेना है लेकिन किसानों का कहना है कि अधिकतर केंद्रों में उनसे 41 या 41.50 किलोग्राम धान लिया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि धान उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों द्वारा मनमानी पूर्वक ‘सूखत’ का हवाला देते हुए ज्यादा धान लिया जाता है और बाद में बोरों से अतिरिक्त धान को निकाल लिया जाता है। खरीदी केंद्र के कर्मचारियों की दलील होती है कि यहां स्टॉक किया हुआ धान सूखता है तब उसका वजन काम हो जाता है, इसलिए वे एक-डेढ़ किलो धान ‘एक्स्ट्रा’ लेते हैं।

जिस तरीके से वीडियो वायरल हो रहा है, यह काफी कुछ बता रहा है कि, किसानों से लिया गया अतिरिक्त धान का उपयोग कौन और कैसे कर रहा है। अतिरिक्त धान इस तरह काली कमाई का जरिया बना हुआ है। इस वायरल वीडियो के बारे में पूछने के बाद सहकारिता विभाग के अधिकारी हितेश कुमार श्रीवास ने वीडियो की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।

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