तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सत्तारूढ़ वाम मोर्चा के बीच तनाव आज भी जारी रहा, जब वह नए साल में सत्र के पहले दिन अपने पारंपरिक संबोधन के लिए राज्य विधानसभा पहुंचे। राज्यपाल ने भाषण का केवल आखिरी पैराग्राफ पढ़ा। जबकि भाषण 60 पेज से अधिक का था।
केरल में सत्तपक्ष और राज्यपाल, दोनों सार्वजनिक स्थान पर एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं और यह गुरुवार को भी जारी रहा जब खान विधानसभा पहुंचे। हालांकि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनकी पार्टी ने खान का स्वागत किया, लेकिन खान और विजयन को छोड़कर सभी मुस्कुरा रहे थे। विजयन ने जब गुलदस्ता खान को सौंपा, उन्होंने तुरंत इसे अपने सहयोगी को दे दिया और चेहरा बना कर विधानसभा के अंदर चले गए।
केवल 4 मिनट रहे सदन में..
राज्यपाल ने कहा कि सदन को संबोधित करते हुए उन्हें खुशी हो रही है। उन्होंने कहा, “अब, मैं अंतिम पैराग्राफ पढ़ने जा रहा हूं…”
आखिरी पैराग्राफ पढ़ने के बाद, खान वहां से चले गए। राज्यपाल खान सुबह 9 बजे विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अपना अभिभाषण 9 बजकर दो मिनट से भी पहले समाप्त कर दिया और वह 9 बजकर चार मिनट पर सदन से रवाना हो गए।
जब वो सदन से जा रहे थे, उस वक्त भी खान और विजयन ने एक-दूसरे की ओर नहीं देखा। इंतजार कर रहे मीडिया ने जब राज्यपाल से इसका कारण पूछा तो उन्होंने हाथ जोड़ लिए और कार में बैठकर चले गए।
नेता प्रतिपक्ष ने की आलोचना
नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन ने विधानसभा का अनादर करने के लिए खान की आलोचना की। सतीसन ने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए था।” विपक्ष के उपनेता पी.के. कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि सब कुछ एक झटके में खत्म हो गया और विधानसभा का मजाक उड़ाया गया। कुन्हालीकुट्टी ने कहा, “हम उनका स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन उन्होंने हमारी तरफ देखा ही नहीं।”
सरकार और राज्यपाल के बीच कई मुद्दों पर मतभेद
खान और माकपा नीत केरल सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं जिनमें राज्य में विश्वविद्यालयों के कामकाज का मुद्दा और विधानसभा द्वारा पारित कुछ विधेयकों पर उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं करना प्रमुख हैं। दोनों सार्वजनिक स्थान पर एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं