रायपुर। बहुचर्चित कोयला और शराब घोटाले के बाद आर्थिक अपराध अन्वेष्ण ब्यूरो (ACB-EOW) ने 2 और मामलों में एफआईआर दर्ज कर लिया है। DMF में 40 प्रतिशत की कमीशनखोरी का आरोप है। दोनों प्रकरण में IAS सहित राज्य सरकार के अन्य अफसरों और कारोबारियों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है।
ED की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज इस FIR के अनुसार DMF कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आंबटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है, जिसके कारण शासन को आर्थिक हानि हुई है।
इस तरह हुई कमीशनखोरी
दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक कुल निविदा राशि में लगभग 40 प्रतिशत की राशि अधिकारियों को इस एवज में प्रदान किया गया तथा निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में DMF में काफी अधिक मात्रा में वित्तीय अनियमितता की गई है तथा शासन को हानि कारित की गई है।
ये रहा घोटाले का सिंडिकेट
जांच में प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि रानू साहू एवं अन्य लोकसेवकों के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर विभिन्न निविदाकर्ता सर्वश्री संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी एवं बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल एवं शेखर के साथ मिलकर DMF में विभिन्न प्रकार की निविदाओं के आबंटन में, बिल को पास कराने के लिए, किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य के बिल प्राप्त किये गये थे तथा उनका भुगतान कराने में एवं इत्यादि में आपस में मिलकर आपराधिक षड्यंत्र कर निविदाकर्ताओं सर्वश्री संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी एवं बिचौलिएं मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल एवं शेखर को अवैध लाभ कारित करते हुए शासन को अवैध हानि कारित की गई जो प्रथम दृष्टया अपराध धारा 120 बी, 420 भा.द.वि. एवं धारा 7 एवं 12 भ्र.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।
चावल घोटाले में इस तरह हुई वसूली…
उधर कस्टम मिलिंग घोटला में भी ईडी की रिपोर्ट पर FIR दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं FCI में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रकिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।
राइस मिलर्स से वसूल कर पहुंचाई गई राशि
प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी।
तलाशी में मिली एक करोड़ से अधिक की राशि
आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्यवाही से लगभग 1.06 करोड़ रूपये की कैश राशि प्राप्त हुई है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। साथ ही बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए है। लगभन 140 करोड़ रूपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।
मनोज सोनी की रही प्रमुख भूमिका
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (सीजी-मार्कफेड) कोरबा की तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को तत्कालीन प्रबंध निदेशक (मार्कफेड) मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था कि केवल जिन राइस मिलर्स ने कमीशन का पैसा दिया है, उन्हें ही भुगतान किया जाएगा.आयकर विभाग ने जब रेड डाली तो 1 करोड़ 6 लाख की नकदी मिली. जिसका कोई भी हिसाब किताब नहीं था. इसके साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए हैं. लगभग 140 करोड़ रूपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से अधिकारियों ने की. इस मामले में छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ मिलकर अपराध किया गया. जो प्रथम दृष्ट्या अपराध धारा 120 बी, 409 भा.द.वि. एवं धारा 13 (1) (क) सहपठित धारा 13(2) एवं 11. अ.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।